डीएनए हिंदीः देश के आम लोगों के लिए अच्छी खबर नहीं है. रॉयटर पोल के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) अगले सप्ताह फिर से ब्याज दरों में वृद्धि (Interest Rate Hike) करने के लिए तैयार है. रायटर पोल में अर्थशास्त्रियों के एक ग्रुप ने रेपो रेट (Repo Rate Hike) में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया है. वहीं कुछ अर्थशास्त्रियों अनुमान लगाया गया है कि आरबीआई नीतिगत दरों में 35 आधार अंकों का इजाफा कर सकता है. रॉयटर पोल में सभी ने इस बात की सहमति जताई है कि आरबीआई 30 सितंबर को होने वाली बैठक में ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेगा. हालांकि इस बात पर मतभेद दिखे कि महंगाई के 7 फीसदी तक बढ़ने और रुपये के कमजोर होने के साथ यह कितनी दूर तक जाएगा. आपको बता दें इस साल आरबीआई 1.40 फीसदी ब्याज दरों में इजाफा कर चुका है. लगातार दो मीटिंग में नीतिगत ब्याज दरों में 50 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की है.
रॉयटर पोल में कुछ इस तरह से सामने आए आंकड़ें
आधे से थोड़ा अधिक, 51 में से 26, ने कहा कि आरबीआई 50 आधार अंकों की वृद्धि के लिए जाएगा, जो रेपो दर को 5.90 फीसदी तक ले जाएगा. वहीं 20 मेंबर्स ने 35 आधार अंकों की वृद्धि की भविष्यवाणी की. शेष पांच उत्तरदाताओं ने 20 से 30 आधार अंकों के बीच अधिक मामूली वृद्धि दर्ज की. जबकि कई लोगों ने अगस्त के चुनाव से अपने पूर्वानुमानों को संशोधित किया, और किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि आरबीआई इस बार दरों को अपरिवर्तित छोड़ देगा, इस पर तत्काल कोई स्पष्टीकरण नहीं था कि केंद्रीय बैंक अभी एक छोटे से कदम का विकल्प क्यों चुनेगा, क्योंकि उसके अधिकांश साथी ब्याज दरों में इजाफा कर रहे हैं. यूएस फेडरल रिजर्व ने लगातार तीसरी बार 75 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है और इसमें मंदी का कोई संकेत नहीं दिखाया है, डॉलर इंडेक्स को दो दशक के नए हाई और रुपया रिकॉर्ड लो की ओर जा रहा है.
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क्या कहते हैं एक्सपर्ट
जेपी मॉर्गन, इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री साजिद चिनॉय के अनुसार, हाल के सप्ताहों में खाद्य कीमतों में वृद्धि और फेड के तीखे तवरों की वजह से आरबीआई को सितंबर की बैठक में 35 बीपीएस के बजाय 50 बीपीएस बढ़ाने के लिए प्रेरित करेंगे. दिसंबर में फिर से कार्रवाई करने के लिए मजबूर होंगे, जिससे टर्मिनल दर 6.25 फीसदी के करीब हो जाएगी. हालाकि, पोल ने आरबीआई को दरों के साथ एक नरम दृष्टिकोण अपनाते हुए दिखाया, जिसमें कोई स्पष्ट बहुमत नहीं था कि वह कहां बढ़ना बंद कर देगा, लेकिन औसत पूर्वानुमान के साथ प्रत्येक तिमाही में रेपो दर 2023 के अंत तक 6 फीसदी दिखा रहा है. सर्वे के अनुसार महंगाई 2023 की पहली तिमाही तक आरबीआई की टॉलरेंस लेवल से ज्यादा रह सकती है.
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रॉयटर सर्वेः आरबीआई फिर बढ़ा सकता है होम, ऑटो और पर्सनल लोन की ईएमआई