डीएनए हिन्दी: महंगाई के मोर्चे पर सरकार को बड़ा झटका लगा है . रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) और सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद महंगाई घटने का नाम नहीं ले रही है. सितंबर महीने में खुदरा महंगाई दर (Consumer Price Index) में जोरदार तेजी देखने को मिली है. महंगाई दर बढ़कर 7.41 फीसदी पर जा पहुंची है. ध्यान रहे कि अगस्त महीने में महंगाई दर 7 फीसदी थी वहीं जुलाई में 6.71 फीसदी रही थी. खुदरा महंगाई दर लगातार 9वें महीने रिजर्व बैंक ऑफ इडिया के 2 से 6 फीसदी के अनुमान से ऊपर बनी हुई है.
2021 में खुदरा महंगाई दर सितंबर महीने में 4.35 फीसदी रही थी. साल दर साल के लिहाज से देखें तो यह बड़ी बढ़त है. सबसे चिंता की बात है कि सितंबर में खाने-पीने की महंगाई दर जोरदार बढ़ोतरी देखने को मिली है. अगस्त महीने महंगाई दर 7.62 फीसदी थी जो सितंबर में बढ़कर 8.60 फीसदी हो गई है. इसका सीधा असर लोगों की रसोई पर पड़ने वाला है. सबसे चिंता की बात है कि सितंबर में शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में खाने-पीने की चीजों के दामों में बढ़ोतरी देखने को मिली है.
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बताया जा रहा है कि महंगाई के लगातार 6 फीसदी से ऊपर बने रहने की वजह से रिजर्व बैंक ऑफ इडिया को केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट देनी होगी. इस रिपोर्ट में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को यह बताना होगा कि रिटेल इंफ्लेशन को वह 2 से 6 फीसदी के दायरे में रखने में वह क्यों विफल रहा है. ध्यान रहे कि केंद्र सरकार ने आरबीआई को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि खुदरा महंगाई दर 2 से 6 फीसदी के बीच बनी रहे.
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गौरतलब है इससे पहले रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि करेंट फाइनैंशियल ईयर में बाहर से जो चीजें आयात होती हैं उनकी महंगाई में कमी आई लेकिन, खाने-पीने की चीजों में यह दबाव बना हुआ है.
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महंगाई रोकने में RBI 'नाकाम', सितंबर में CPI 7.41 फीसदी पर पहुंची