डीएनए हिंदी: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पांच सहकारी बैंकों पर निकासी समेत कई प्रतिबंध लगा दिए. आरबीआई ने यह कदम इन बैंकों की बिगड़ती आर्थिक स्थिति को देखते हुए उठाया है. आरबीआई ने कहा कि ये प्रतिबंध छह महीनों तक प्रभावी रहेंगे. इन प्रतिबंधों के कारण ये बैंक RBI को सूचित किए बगैर ना तो लोन ले कर सकते हैं, ना कोई निवेश कर सकते हैं, कोई नया दायित्व नहीं उठा सकते हैं और अपनी किसी संपत्ति का ट्रांसफर या उसका अन्य कोई उपयोग नहीं कर सकते हैं.
आरबीआई ने कहा कि इन बैंकों पर ये प्रतिबंध समीक्षाधीन है. इसका मतलब है कि रिजर्व बैंक आगे इन बैंकों के कामकाज की समीक्षा कर ही प्रतिबंध हटाने या बढ़ाने का फैसला करेगा. अगर बैंकों की वित्तीय स्थिति में सुधार हो जाता है तो बैन को हटा लिया जाएगा. RBI ने स्पष्ट कहा कि इन बैंकों का लाइंसेस रद्द नहीं किया गया है.
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इन बैंकों पर लगा प्रतिबंध
आरबीआई के अनुसार, एचसीबीएल सहकारी बैंक, लखनऊ (उत्तर प्रदेश), आदर्श महिला नगरी सहकारी बैंक मर्यादित, औरंगाबाद (महाराष्ट्र) और शिमशा सहकार बैंक नियमित, मद्दुर, मांड्या (कर्नाटक) की मौजूदा नकदी स्थिति के कारण इन बैंकों के ग्राहक अपने खातों से एक रुपये भी नहीं निकाल सकते हैं.
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हालांकि, उर्वाकोंडा सहकारी नगर बैंक, उर्वाकोंडा (अनंतपुर जिला, आंध्र प्रदेश) और शंकरराव मोहिते पाटिल सहकारी बैंक, अकलुज (महाराष्ट्र) के ग्राहक 5,000 रुपये तक की निकाल सकते हैं. RBI ने कहा कि पांचों सहकारी बैंकों के पात्र डिपॉजिट, जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन से 5 लाख रुपये तक जमा बीमा दावा की राशि हासिल करने के हकदार होंगे.
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