डीएनए हिंदी: भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (RBI MPC) की बैठक आज समाप्त हो गई है. जिसमें रेपो दरों (Repo Rate Hike)में 0.50 फीसदी का इजाफा कर दिया है. बीते एक महीने में यह दूसरी बार है जब आरबीआई ने अपने रेपो दरों में इजाफा किया है. इस इजाफे बाद रेपो रेट 4.90 फीसदी पर आ गए हैं. रेपो रेट में इजाफे का मतलब है कि बैंकों की रिटेल लोन यानी होम लोन (Home Loan), पर्सनल लोन (Personal Loan) और ऑटो लोन (Auto Loan)की ब्याज दरों में इजाफा हो जाएगा. केंद्रीय बैंक ने एमएसएफ दर और बैंक दर को 4.65 फीसदी से बढ़ाकर 5.15 फीसदी करने का निर्णय लिया है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सहकारी बैंकों द्वारा बढ़ाए गए पर्सनल लोन की सीमा में 100 फीसदी का इजाफा किया गया है। इसके अलावा, केंद्रीय बैंक ने ग्रामीण सहकारी बैंकों को वाणिज्यिक अचल संपत्ति के लिए वित्त का विस्तार करने की अनुमति दी है। 

कितनी रह सकती है महंगाई 
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की महंगाई 6.7 फीसदी के आसपास रहने की संभावना है. इससे पहले यह अनुमान 5.7 फीसदी किया गया था, जिसे बढ़ाया गया है. आरबीआई ने 50 आधार अंक बढ़ाकर रेपो रेट को  4.90 फीसदी कर दिया है. दास ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध जारी है और भारत हर रोज नई चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिससे सप्लाई चेन की समस्याएं बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा कि युद्ध ने महंगाई को काफी बढ़ा दिया है. अप्रैल में उपभोक्ता कीमतों में वृद्धि जारी रही क्योंकि मुद्रास्फीति आठ साल के उच्च स्तर 7.8% पर पहुंच गई. थोक कीमतों में भी तीन दशकों में सबसे तेज गति से वृद्धि हुई है, जिससे व्यवसायों पर उपभोक्ताओं पर उच्च लागतों का बोझ डालने का दबाव बढ़ गया है. पिछले महीने, आरबीआई ने सर्पिल मुद्रास्फीति की जांच के लिए ऑफ-साइकिल मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख उधार दर में 40 आधार अंकों की वृद्धि की.

7.2 फीसदी रह सकती है जीडीपी 
वित्त वर्ष 2023 में जीडीपी ग्रोथ रेट मोटे तौर पर अप्रैल पूर्वानुमान के साथ विकसित होती देखी गई. वित्त वर्ष 2023 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का अनुमान 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया. साथ ही पहली तिमाही अप्रैल-जून में 16.2 प्रतिशत, दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर में  जीडीपी विकास दर 6.2 फीसदी, तीसरी तिमाही अक्टूबर-दिसंबर 4.1 फीसदी और चौथी तिमाही जनवरी-मार्च में 4 फीसदी पर जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया गया है. 

पहले से की जा रही थी उम्मीद 
महंगाई के इजाफे के साथ, एमपीसी के सदस्यों से कीमतों में वृद्धि को नियंत्रित करने के प्रयास में एक बार फिर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद पहले से ही की जा रही थी. पिछले महीने की शुरुआत में, एमपीसी ने एक ऑफ-साइकिल बैठक में रूस यूक्रेन युद्ध के दौरान हाई फूड और फ्यूल प्राइस के दबाव को ध्यान में रखते हुए ब्याज दरों में 40 आधार अंकों का इजाफा किया था. आरबीआई गवर्नर पहले ही कह चुके थे कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी एक 'नो-ब्रेनर' है, जिससे यह निश्चित हो गया था कि केंद्रीय बैंक दरों में बढ़ोतरी करेगा. 

कितनी रह सकती है साल 2022 में महंगाई 
अर्थशास्त्रियों और विश्लेषकों का मानना था कि एमपीसी ब्याज दरों में 25 से 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर सकती है. महंगाई 8 साल के उच्च स्तर पर बनी हुई है क्योंकि सप्लाई चेन में व्यवधान और रूस-यूक्रेन वॉर के कारण फूड और फ्यूल की कीमतों में वृद्धि हुई है. जानकारों ने साल 2022 में सीपीआई महंगाई 6.7-6.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है, जो आरबीआई के टॉलरेंस बैंड से ऊपर है.

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RBI MPC hikes repo rate, loan EMI of common people will increase
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RBI MPC  में ब्याज दर पर हुआ बड़ा ऐलान, जानें कितना हुआ इजाफा 
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रिजर्व बैंक ने फिर बढ़ाया रेपो रेट, महंगे लोन के साथ बढ़ेगी आपकी EMI