डीएनए हिन्दी: रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर दुनियाभर में खाने-पीने की चीजों में बेतहाशा बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. खासकर गेहूं (Wheat) की कीमतों में. माना जा रहा है कि युद्ध की वजह से यूक्रेन में गेंहू के उत्पादन पर बड़ा असर पड़ने वाला है. ऐसे में दुनिया में गेहूं की किल्लत स्वभाविक है. दुनियाभर की उम्मीदें भारत की तरफ थीं, लेकिन अपनी खाद्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारत ने गेहूं के निर्यात पर बैन (India Wheat Export Ban) लगा दिया है. इसके बाद गेहूं की कीमतों में और बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. एक्सपर्ट यह भी आशंका जता रहे हैं कि इंटरनेशनल मार्केट में गेहूं की कीमतें पिछले सारे रेकॉर्ड को तोड़ देंगीं. अगर ऐसा होता है तो इससे कई गरीब देशों की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी. वहां कुपोषण के आंकड़ों में तेज बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है.

संयुक्त राष्ट्र की फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (The Food and Agriculture Organisation) ने बताया कि भारत के गेहूं निर्यात पर बैन के फैसले के बाद इसकी कीमतों में तेज बढ़ोतरी देखने को मिली है. FAO ने मासिक डेटा जारी कर बताया कि लगातार 5 महीनों से  इसकी कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है. मई में गेहूं की कीमतों में 5.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, वहीं सालाना स्तर पर इसकी ग्रोथ देखें तो इसमें 56.2 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है. 2008 में जब गेहू्ं की कीमतों में रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ोतरी हुई थी, उससे सिर्फ 11 फीसदी ही गेहूं अभी सस्ता है. लेकिन, एक्सपर्ट की मानें तो जल्द ही इंटरनेशनल मार्केट में यह रेकॉर्ड टूटने वाला है.

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मोटे अनाज का बढ़ा उत्पादन
हालांकि, दुनिया में गेहूं की तरह मोटे अनाज की कीमतों में मई में 2.1 फीसदी की गिरावट रही है, फिर भी पिछले साल की तुलना में इसमें 18.1 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.

गेहूं के विकल्प के रूप में माने जाने वाले मक्के के उत्पादन में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. संयुक्त राष्ट्र अमेरिका, अर्जेंटीना, ब्राजील और मक्के का उत्पादन बढ़ा है. इसकी वजह से कीमतों में 3 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिल रही है, लेकिन सालाना स्तर पर अब भी इसमें 12.9 फीसदी की तेजी देखनो को मिल रही है.

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रूस-यूक्रेन युद्ध का असर
गेहूं की कीमतों में बढ़ोतरी का एक बड़ा कारण इसके बड़े उत्पादक और निर्यातक में से एक यूक्रेन में युद्ध की वजह से कम उत्पादन को माना जा रहा है. साथ ही भारत ने निर्यात पर जो बैन लगाया है उसका भी असर देखने को मिल रहा है.

मई में भारत ने गेहू्ं निर्यात पर बैन लगा दिया था. इसके पीछे गेहूं की कीमतों में हो रही तेज बढ़ोतरी को रोकना था. साथ ही उत्तर भारत में समय से पहले हीट वेव की वजह से भी गेहूं के उत्पादन में गिरावट की भी आशंका थी.

निर्यातकों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी
इस बीच पिछले दिनों सरकार ने उन निर्यातकों पर सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया है, जो गेहूं निर्यात पर लगी पाबंदी से रियायत पाने के लिए पिछली तारीख से तैयार किए गए दस्तावेज पेश कर रहे हैं. इसकी जानकारी उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले शुक्रवार को दी थी.

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price of wheat has jumped in the international markets after India announced a ban on the export
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India Wheat Export Ban: भारत के बैन का दिखने लगा असर
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गेहूं की की कीमतोंं में तेजी

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दिखने लगा भारत के गेहूं निर्यात पर बैन का असर, क्या दुनिया में होगी रोटी की किल्लत?