डीएनए हिंदी : एक कंपनी को नए वेतन कोड (New Wage Code ) के अनुसार, किसी कर्मचारी के इस्तीफे, बर्खास्तगी या रोजगार और सेवाओं से हटाने के बाद उसके अंतिम कार्य दिवस के दो दिनों के भीतर सैलरी और फुल एंड फाइनल का पूरा पेमेंट (Full And Final Payment) करना होगा. वर्तमान में, कंपनियां कर्मचारी के लास्ट वर्किंग डे से 45 दिनों से 60 दिनों के बाद सैलरी और फुल एंड फाइनल का भुगतान करते हैं. कुछ मामलों में यह सीमा 90 दिनों तक चली जाती है. आपको बता दें कि एक जुलाई से न्यू वेज कोड लागू होने जा रहा है. जिसके तहत अब काम करने का तरीका पूरी जरह से बदलने वाला है.
दो दिनों में देना होगा फुल एंड फाइनल पेमेंट
श्रम कानून के तहत नया वेतन कोड के अनुसार जहां एक कर्मचारी को - (i) सेवा से हटा दिया गया है या बर्खास्त कर दिया गया है; या (ii) छंटनी की गई है या सेवा से इस्तीफा दे दिया है, या प्रतिष्ठान बंद होने के कारण बेरोजगार हो गया है, वहां देय मजदूरी उसे हटाने, बर्खास्तगी, छंटनी या, जैसा भी मामला हो, उसके इस्तीफे के दो कार्य दिवसों के भीतर भुगतान किया जाएगा." पिछले 29 केंद्रीय श्रम कानूनों की समीक्षा और संयोजन करके चार नए श्रम कोड बनाए गए थे. जबकि सरकार 1 जुलाई तक इन नए कानूनों को लागू करना चाहती है, कई राज्यों ने अभी तक इन नियमों की पुष्टि नहीं की है, जो कि संविधान के अनुसार प्रभावी होने से पहले जरूरी है, क्योंकि श्रम समवर्ती सूची में है.
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सभी राज्यों ने कानून लागू नहीं किए
मौजूदा समय में कुछ राज्यों ने अभी तक चारों श्रम कानूनों के लिए आवश्यक कानून नहीं लागू किए हैं. श्रम और रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली की लोकसभा में लिखित प्रतिक्रिया के अनुसार, केवल 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) ने वेतन पर संहिता के तहत मसौदा दिशानिर्देश जारी किए हैं. यदि वेज कोड लागू किया जाता है, तो व्यवसायों को अपनी पेरोल प्रक्रियाओं को फिर से व्यवस्थित करना होगा और दो दिनों के भीतर मजदूरी के पूर्ण निपटान को प्राप्त करने के लिए समयबद्धता और प्रक्रियाओं के आसपास काम करना होगा. लेकिन कोड अलग-अलग राज्यों की सरकारों को जो उचित लगता है, उसके आधार पर फुल एंड फाइनल सेटलमेंट का समय निर्धारित करने की अनुमति देता है.
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काम करने के तरीके में होगा बदलाव
नए कानून के तहत काम के घंटे, पीएफ (भविष्य निधि) योगदान में वृद्धि होगी, और कर्मचारियों के लिए हाथ में वेतन में कमी आएगी. नए कानूनों के मुताबिक कंपनियां काम के घंटे 8-9 घंटे प्रतिदिन से बढ़ाकर 12 घंटे कर सकती हैं. हालांकि, उन्हें कर्मचारियों को तीन साप्ताहिक अवकाश देने होंगे. तो, एक सप्ताह में कार्य दिवसों को घटाकर चार दिन कर दिया जाएगा लेकिन एक सप्ताह में कुल काम के घंटे प्रभावित नहीं होंगे. नए वेतन कोड के अनुसार प्रति सप्ताह कुल 48 घंटे काम करने होगा.
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हाथ में सैलरी होगी कम बचत ज्यादा
कर्मचारियों के टेक-होम वेतन में भी काफी बदलाव आएगा क्योंकि नए वेतन कोड के तहत बेसिक सैलरी ग्रास मंथली सैलरी का कम से कम 50 फीसदी होगा. इससे कर्मचारियों और नियोक्ताओं द्वारा किए गए पीएफ योगदान में भी वृद्धि होगी. जिससे प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की टेक-होम सैलरी ज्यादा प्रभावित होगी. नए श्रम कानूनों के तहत, रिटायरमेंट फंड और ग्रेच्युटी अमाउंट में इजाफा होगा.
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New Wage Code : नौकरी छोड़ने पर दो दिनों में मिल जाएगा फुल एंड फाइनल का पैसा, जानें नए नियम