डीएनए हिंदी: बचपन में आप सभी में तेज धूप और चिल-चिल्लाती गर्मियों में रसना को पानी में घोलकर जरूर पिया होगा. आपको बता दें कि हाल ही में इस सॉफ्ट ड्रिंक पर मुसीबतों को पहाड़ टूट पड़ा है. दरअसल नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के ने रसना पर ऑपरेशनल क्रेडिटर को 71 लाख रुपये का भुगतान करने में विफल होने के बाद कंपनी के खिलाफ इन्सॉल्वेंसी की अर्जी को स्वीकार कर लिया है. लॉजिस्टिक्स फर्म भारत रोड कैरियर्स प्राइवेट द्वारा शुरू की गई कार्यवाही में रसना प्राइवेट के खिलाफ किए गए दिवालिया आवेदन को शुक्रवार को अहमदाबाद में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने स्वीकार कर लिया. इसके अतिरिक्त, ट्रिब्यूनल ने फाइनल रेजोल्यूशन एक्सपर्ट के तौर पर रवींद्र कुमार गोयल को नियुक्त किया.
रसना पर 71.3 लाख रुपये का कर्ज
रसना के निर्माता के खिलाफ कॉर्पोरेट इनसॉल्वेंसी रेजोल्यूशन कार्यवाही शुरू करने के लिए, भारत रोड कैरियर्स ने 2019 में एक आवेदन प्रस्तुत किया था. सॉफ्ट ड्रिंक कंपनी पर कथित तौर पर लॉजिस्टिक्स कंपनी का परिवहन सेवाओं के लिए 71.3 लाख रुपये बकाया है. केस प्रोसीडिंग के दौरान कहा गया कि डिफॉल्ट की तारीख कोविड-19 महामारी की शुरुआत से काफी पहले की है. इसलिए एनसीएलटी ने कहा कि रसना प्राइवेट लिमिटेड आईबीसी 2016 की धारा 10ए के तहत आश्रय की मांग नहीं कर सकती है.
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2017-2018 तक के इनवॉइस
रिपोर्टों के अनुसार, भारत रोड कैरियर्स ने रसना कंपनी के लिए कई सारे पैकेज को ट्रांसपोर्ट किया. इतना ही नहीं कपंनी ने रसना को दी अपनी सेवाओं के अप्रैल 2017 और अगस्त 2018 के बीच उन डिलीवरी के इनवॉइस भी तैयार किए और उन्हें भेजे. इतना ही नहीं रसना ने लिखित रूप में नोटिस प्राप्त करने की बात स्वीकार की है. हालांकि भारत रोड कैरियर्स के बार-बार याद दिलाने और डिमांड नोटिस भेजने के बावजूद, रसना कंपनी मांगी गई राशि का भुगतान करने में विफल रहा है.
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हाई कोर्ट जाएगा रसना?
90 के दशक में "आई लव यू रसना" टैगलाइन के साथ रसना बच्चों से लेकर बड़ों तक में सबसे अधिक पसंद किए जाने वाला सॉफ्टड्रिंक बन गया था. ब्रांड एक्सपर्ट का मानना है कि यह रसना अभी इतनी जल्दी खत्म नहीं होगा. हालांकि कंपनी के दिवालियापन की स्थिति में एक नया प्रमोटर कार्यभार संभालेगा. कंपनी पर बकाया राशि अभी केवल 71 लाख है तो हो सकता है कि वर्तमान मालिक इस राशि का भुगतान करेंगे या हाई कोर्ट में याचिका दायर करेंगे लेकिन रसना को बंद नहीं होने देंगे.
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अब नहीं मिलेगा रसना? NCLT ने कंपनी को दिवालिया घोषित किया, जानें क्या है पूरा मामला