डीएनए हिंदी: क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में ट्रेडिंग करना उतना आसान नहीं है जितना कि खरीदना और बेचना. मौजूदा समय में इसके ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म काफी जटिल है और नियामकों से कोई समर्थन नहीं है. फिर भी, इसकी नेचर काफी आकर्षक है और दुनिया भर के निवेशकों ने इस पैसा बनाने वाले बाजार में डीप डाइविंग की है. इसके अलावा भारत में नए क्रिप्टो एक्सचेंजों के जन्म के साथ बाजार का समान रूप से स्वागत किया है और निवेशकों ने इस प्लेटफॉर्म को व्यापार के लिहाज से काफी सहज पाया है. अब सवाल यह है कि क्या होता है जब क्रिप्टोकरेंसी में व्यापार करने और अपने खाते का प्रबंधन करने के लिए क्रिप्टो एक्सचेंज पर भरोसा करते हैं और वो आपको डबल-क्रॉस करें (Cryptocurrency Fraud). आपकी मेहनत की कमाई को लूटकर ले जाएं. यह मामला कई भारतीय निवेशकों के लिए एक हकीकत है.
एक हजार करोड़ रुपये डूबने का अनुमान
CloudSEK के संस्थापक और सीईओ राहुल ससी नेऐसे ही एक क्रिप्टोकरंसी-ट्रेडिंग ट्रैप की ओर ध्यान दिलाया है. CloudSEK, जो एक AI कंपनी है, जो साइबर खतरों के होने से पहले ही भविष्यवाणी कर देती है, का अनुमान है कि नकली क्रिप्टो एक्सचेंजों ने पीड़ितों के साथ 1,000 करोड़ रुपये तक की धोखाधड़ी की है. जानकारों की मानें तो क्रिप्टो एक्सचेंज घोटाले में कई भारतीय निवेशकों का रुपया डूबा है, जिसकी अनुमानित राशि करीब एक हजार करोड़ रुपये है. कंपनी का अनुमान है कि ये वो निवेशक है जो अपनी पॉकेट मनी बचाकर या फिर घर खर्च में कटौती कर क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करते हैं.
मौजूदा समय में कितना हो गया भारतीय क्रिप्टो मार्केट
Chainalysis रिपोर्ट के अनुसार भारत का क्रिप्टो बाजार जुलाई 2020 से जून 2021 तक 641% बढ़ा, जिससे मध्य और दक्षिणी एशिया और ओशिनिया में फैले एक क्षेत्र को दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते क्रिप्टोकरेंसी बाजारों में से एक में बदलने में मदद मिली. वहीं केंद्र सरकार क्रिप्टो को बैन करने की बजाय बजट में क्रिप्टो बिल पास किया और देश में प्राइवेट क्रिप्टो टेडिंग से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स और ट्रांजेक्शन पर एक फीसदी का टीडीएस लगा दिया है, जोकि एक अप्रैल से लागू भी हो गया है. देश में मौजूदा समय में 10 करोड़ से ज्यादा क्रिप्टो निवेशक हैं.
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क्या भारत में हैं फेक क्रिप्टो एक्सचेंज, एक हजार करोड़ रुपये डूबने का अनुमान