डीएनए हिंदी: आज यानी सोमवार को पूरा देश एवं दुनियाभर में रहने वाले भारतीय भारत की आजादी का अमृत महोत्सव सेलीब्रेट कर रहे हैं. देश को आजाद हुए 75 साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन देश में स्टॉक ब्रोकिंग का इतिहास (Stock Broking History) करीब 147 साल पुराना है. जी हां, बांबे स्टॉक एक्सचेंज एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज (BSE Asia Oldest Stock Exchange) हैं, जिसकी शुरूआत 1875 में शुरू हुर्ह थी. वैसे सिक्योरिटी एवं बांड में कारोबार और शेयर बाजार की नींव तो और भी पहले पडऩी शुरू हो गई थी. आइए आपको भी बताते हैं कि दुनिया के 11वें सबसे बड़े शेयर बाजार (Share Market) के इतिहास के बारे में...
18वीं शताब्दी में पडऩी शुरू हो गई थी नींव
भारत में स्टॉक ट्रेडिंग 18वीं शताब्दी में ही शुरू हो गई थी, जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने लोन सिक्योरिटीज में व्यापार करना शुरू किया था. बाद में 1830 के दशक में, बैंक और कॉटन प्रेस के स्टॉक के साथ बॉम्बे में कॉर्पोरेट शेयरों का कारोबार शुरू हुआ. भारत में स्टॉक एक्सचेंज अनौपचारिक रूप से 1850 के दशक में शुरू हुए जब 22 स्टॉक ब्रोकरों ने एक बरगद के पेड़ के नीचे बॉम्बे के टाउन हॉल के सामने कारोबार करना शुरू किया. कंपनी अधिनियम 1850 में पेश किया गया था, जिसके बाद निवेशकों ने कॉर्पोरेट सिक्योरिटीज में रुचि दिखाना शुरू कर दिया.
इन छह बैंकों ने FD Rates में किया इजाफा, जानें अब कितनी कराएंगे कमाई
1875 में बीएसई की हुई शुरुआत
ब्रोकर्स की संख्या लगातार बढ़ती रही और अंतत: 1874 में उस जगह पर आ गए जिसे मौजूदा समय में दलाल स्ट्रीट कहा जाता है. नेटिव शेयर एंड स्टॉकब्रोकर्स एसोसिएशन के नाम से जाने जाने वाले एक अनौपचारिक समूह ने 1875 में खुद को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के रूप में संगठित किया. बीएसई एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है और सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट, 1956 के तहत पहली बार स्थायी मान्यता दी गई थी. 1894 में, बीएसई के बाद अहमदाबाद स्टॉक एक्सचेंज आया जिसने कपड़ा मिलों के शेयरों में फोकस किया. 1908 में कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज में बागानों और जूट मिलों के शेयरों का कारोबार शुरू हुआ. 1920 में मद्रास स्टॉक एक्सचेंज स्थापित हुआ.
आजादी के बाद स्टॉक एक्सचेंज
स्वतंत्रता के बाद, बीएसई व्यापार की मात्रा पर हावी था. हालांकि, पारदर्शिता के निम्न स्तर और अविश्वसनीय समाशोधन और निपटान प्रणाली ने वित्तीय बाजार नियामक की आवश्यकता को बढ़ा दिया. सेंसेक्स या संवेदनशील सूचकांक 1986 में शुरू किया गया था, इसके बाद 1989 में बीएसई राष्ट्रीय सूचकांक जारी किया गया था. 1988 में, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड का जन्म एक गैर-सांविधिक निकाय के रूप में हुआ था, जिसे आगे 30 जनवरी, 1992 को सेबी अधिनियम पारित करके वैधानिक दर्जा दिया गया था.
बीएसई के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए एक और स्टॉक एक्सचेंज की जरूरत को पूरा करने और शेयर बाजार में पारदर्शिता की आवश्यकता को पूरा करने के लिए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) 1994 में अस्तित्व में आया. एनएसई ने 1994 में होल सेल डेट मार्केट (डब्ल्यूडीएम) सेगमेंट, 1994 में इक्विटी सेगमेंट और 2000 में डेरिवेटिव सेगमेंट में कारोबार करना शुरू किया.
1995 में, बीएसई ने ओपन-फ्लोर सिस्टम से इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम पर स्विच किया. 2015 में, कमोडिटी मार्केट रेगुलेशन को मजबूत करने, घरेलू और विदेशी संस्थागत भागीदारी को सुविधाजनक बनाने और नए उत्पादों को लॉन्च करने के लिए सेबी को फॉरवर्ड मार्केट्स कमीशन (एफएमसी) के साथ मिला दिया गया था.
इंडिपेंडेंस डे से 6 दिन बंद रहने वाले हैं बैंक, यहां देखें पूरी लिस्ट
देश में कितने हैं स्टॉक एक्सचेंज
देश को आजादी मिलने के बाद, बीएसई के अलावा 23 स्टॉक एक्सचेंज जोड़े गए, लेकिन वर्तमान में, बीएसई और एनएसई के अलावा केवल पांच मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज हैं:
- कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड
- मगध स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड
- मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड
- इंडिया इंटरनेशनल एक्सचेंज (इंडिया आईएनएक्स)
- एनएसई आईएफएससी लिमिटेड
वर्तमान में, बीएसई को दुनिया के 11वें सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज के रूप में मापा जाता है, जिसका मार्केट कैप लगभग 1.7 ट्रिलियन डॉलर है. एनएसई का बाजार पूंजीकरण 1.65 ट्रिलियन डॉलर से अधिक है. बीएसई के प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स को सेंसेक्स कहा जाता है और एनएसई के लिए यह निफ्टी 50 है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
Independence Day: करीब 147 साल पुराना है देश में स्टॉक ट्रेडिंग का इतिहास, यहां पढ़ें पूरी डिटेल