डीएनए हिंदी: आज के समय में हर कोई अपना घर लेने का सपना पूरा करना चाहता है. फिर चाहे वह हरियाणा का रहने वाला हो या यूपी का, हर किसी को अपना घर बनाने की चाहत है. घर बनाने की जब बात आती है तो लोगों की सबसे पहली पसंद महानगर बन जाते हैं, जैसे दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई आदि. ऐसा इसलिए क्योंकि इन शहरों में काम के अवसर काफी ज्यादा हैं. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आस-पास की जगह की बात करें तो यहां पर देश भर के कोने-कोने से लोग रहते हैं. दिल्ली-एनसीआर में कई बड़ी कंपनियों के ऑफिस भी मौजूद है. हालांकि बात इतनी आसान नहीं है. दिल्ली-एनसीआर में खुद का घर या फ्लैट लेना आज के समय में काफी पेचीदा काम बन गया है. आज हम ऐसे टिप्स शेयर करने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप आसानी से अपना खुद का घर या फ्लैट ले सकते हैं.
प्रॉपर्टी का कानूनी स्टेटस चेक करें
पहले, संपत्ति का कानूनी दर्जा, जैसे टाइटल डीड या ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट देखें. अगर आप एक सोसायटी में घर खरीद रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि बिजली, पानी, मेंटेनेंस, संपत्ति टैक्स और सोसायटी के अन्य भुगतान पूरे हो गए हैं.
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प्रॉपर्टी के बारे में जानकारी जुटाएं
दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको प्रॉपर्टी का इतिहास जानना चाहिए, जैसे कि यह कितनी पुरानी है, पहले किसके थी, बेचने का कारण या प्रॉपर्टी में किसी तरह का ढांचागत नुकसान नहीं है. ये सब बातें प्रॉपर्टी या फ्लैट की रीसेल वैल्यू पर असर डालती हैं. हमेशा खुद फ्लैट को विजिट करके उसकी स्थिति देखें. प्रॉपर्टी का टूर करें, लेआउट का अध्ययन करें और अंततः सारी स्थिति का आकलन करें. इसके अलावा वेंटीलेशन, नेचुरल एयर और आसपास की चीजों के बारे में भी जानें. यदि आप रिसेल में संपत्ति खरीद रहे हैं, तो यह भी जानें कि मालिक इसे क्यों बेचना चाहता है.
पेमेंट से जुड़ी सभी शर्तें पढ़ें
तीसरी महत्वपूर्ण बात है कि भुगतान की शर्तों पर स्पष्ट रूप से चर्चा करें. कुछ सेलर एक बार में पूरी पेमेंट मांगते हैं तो कुछ पार्ट टाइम पेमेंट में राजी हो जाते हैं. आपके बजट को क्या सूट करता है, इसके हिसाब से निर्णय करें. संपत्ति खरीदने वाले को अतिरिक्त खर्चों जैसे पार्किंग, मेंटेनेंस और ब्रोकरेज शुल्कों का भी पता लगाना चाहिए. साथ ही, आपको प्रॉपर्टी खरीदने के लिए आपको मिलने वाले लोन के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए.
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प्रॉपर्टी की वैल्यू एडिशन पर ध्यान दें
प्रॉपर्टी में एप्रिसिएशन, यानी भविष्य में इसकी कीमत बढ़ सकती है या नहीं, साथ ही इसका मौजूदा मूल्य इसकी वैल्यू के हिसाब से सही है या नहीं, इसका भी विचार करें. प्रॉपर्टी आगे चलकर किसी सामाजिक पचड़े में तो नहीं आ जाएगी, इसकी जानकारी भी आपको रखनी चाहिए. प्रॉपर्टी के इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ कनेक्टिविटी का ख्याल रखना चाहिए.
कुल मिलाकर, संपत्ति खरीदना एक लंबे समय तक चलने वाला सौदा है, इसलिए आपको हर जांच पूरी तरह से करनी चाहिए. आपके आसपास के स्थानों में स्कूल, हॉस्पिटल्स, ग्रॉसरी स्टोर और सार्वजनिक परिवहन की सुविधाएं होना ही फायदेमंद रहेगा.
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