डीएनए हिंदी: क्रेडिट स्कोर को समझना बेहद महत्वपूर्ण है. यहां तक ​​कि क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने के लिए भी क्रेडिट स्कोर की आवश्यकता होती है, चाहे आप घर खरीदने के लिए लोन ले रहे हों, कार खरीदने के लिए ऑटो लोन ले रहे हों, या आप किसी मुश्किल स्थिति पर्सनल लोन ही क्यों ना ले रहे हो, बैंक आपको लोन देने से पहले आपका क्रेडिट स्कोर चेक करता है. आज हम बताएंगे कि आखिर ये क्रेडिट स्कोर क्या होता है. कौन ये स्कोर देता है? कितने तरह का क्रेडिट स्कोर होता है और कैसे तय किया जाता है ये सबकुछ. 

क्रेडिट स्कोर क्या होता है?
क्रेडिट स्कोर किसी व्यक्ति के फाइनेंशियल बिहेवियर के बारे में जानकारी देता है. दूसरे शब्दों में कहें तो, आप पर कितना कर्ज है?, आप इसे कैसे चुकाते हैं?, क्या आप भुगतान करने में पीछे रह जाते हैं?, क्या आप पर बहुत अधिक कर्ज है?  क्या कर्ज लेना एक आदत है?  क्रेडिट स्कोर आपसे जुड़ी इन्हीं बातों का खुलासा करता है. इससे बैंक और उस संस्था को आपको लोन देने में आसानी होती है जिसे आपका क्रेडिट स्कोर पता हो. जितना अच्छा आपको स्कोर होगा वो बताता है कि आप समय से अपने लोन को चुका देते हैं. आपका फाइनेंशियल बिहेवियर अच्छा है.

ये भी पढ़ें: 5G से लेकर IPO तक मुकेश अंबानी आज मीटिंग कर सकते हैं ये बड़े ऐलान

भारत में इस वक्त ये 4 क्रेडिट स्कोर हैं
"क्रेडिट स्कोर" शब्द का प्रयोग आमतौर पर भारत में CIBIL स्कोर के नाम से जाना जाता है. यह भारत में भले ही सबसे लोकप्रिय है हालांकि यह एकमात्र क्रेडिट स्कोर नहीं है. वर्तमान में, भारत में 4 क्रेडिट ब्यूरो हैं जो क्रेडिट स्कोर की रिपोर्ट तैयार करते हैं. ये कंपनियां हैं सीआरआईएफ हाई मार्क (CRIF High Mark), इक्विफैक्स (Equifax), एक्सपेरियन (Experian), ट्रांसयूनियन सिबिल (TransUnion CIBIL).

आपका क्रेडिट स्कोर इन चार ब्यूरो द्वारा विभिन्न कारकों का उपयोग करके निर्धारित किया जाता है. इनके द्वारा दिए गए स्कोर में आपके फाइनेंशियल बिहेवियर के चलते बदलाव होता रहता है.

इन फैक्टर्स से पड़ता है असर
सामान्य क्रेडिट स्कोर 300 से 900 अंक तक होता है. जो कई फैक्टर्स के चलते घटता बढ़ता रहता है. यदि आपने हाल ही में कोई लोन या क्रेडिट कार्ड लिया है और उसकी पेमेंट समय से पहले या समय पर कर देते हैं तो आप का क्रेडिट स्कोर ऊपर की ओर बढ़ने लगेगा.वहीं अगर आप एक भी बार लोन या क्रेडिट कार्ड की पेमेंट करना भूल जाते हैं तो उससे आपका क्रेडिट स्कोर इफेक्ट होता है और वह कम हो जाता है. अगर आप लगातार पेमेंट करना भूलते रहें या ईएमआई को टालते रहे तो आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो जाएगा और एक समय ऐसा आएगा कि बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान आपको लोन या क्रेडिट कार्ड इशू करने से मना कर देंगे.

ये भी पढ़ें: ऑनलाइन शॉपिंग करते समय कभी ना करें ये गलतियां, वरना अकाउंट हो जाएगा सफाचट

एक्सपेरियन और सिबिल में फर्क
एक्सपेरियन एक ग्लोबल क्रेडिट ब्यूरो है, जबकि सिबिल भारत का पहला क्रेडिट ब्यूरो है और पूरी तरह से भारत में संचालित होता है. एक और अंतर यह है कि एक्सपेरियन की क्रेडिट स्कोर रेंज 300-900 है, जबकि CIBIL की क्रेडिट स्कोर रेंज समान है लेकिन इसे CIBIL स्कोर कहा जाता है.

सीआरआईएफ और सिबिल में फर्क
सीआरआईएफ को सीधे आरबीआई द्वारा रेग्युलेट किया जाता है जबकि CIBIL आधिकारिक तौर पर RBI में रजिस्टर्ड तो है लेकिन यह ट्रांसयूनियन नाम की कंपनी ऑपरेट करती है. जोकि एक प्राइवेट नॉन-लिस्टटेड कंपनी है.

इक्विफैक्स और सिबिल में फर्क
CIBIL और इक्विफैक्स दोनों ही डिटेल्ड क्रेडिट रिपोर्ट देते हैं. हालांकि इक्विफैक्स क्रेडिट रिपोर्ट का एक पिक्टोरियल रिप्रेजेंटेशन भी प्रदान करता है जिससे रिपोर्ट को समझना आसान हो जाता है.  हालांकि इक्विफैक्स की तुलना में CIBIL के पास ग्राहकों और साझेदार बैंकों और वित्तीय संस्थानों का एक बड़ा नेटवर्क है.

 देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
how cibil experian equifax crif High Mark are different from each other and how they all gives credit score
Short Title
Cibil के अलावा Experian, CRIF और Equifax भी देते हैं क्रेडिट स्कोर
Article Type
Language
Hindi
Tags Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Credit Score
Caption

क्रेडिट स्कोर

Date updated
Date published
Home Title

Cibil के अलावा ये 3 कंपनी भी देती हैं क्रेडिट स्कोर, जानें जनता पर कैसे पड़ता है फर्क

Word Count
656