डीएनए हिंदी: जीएसटी काउंसिल (GST Council) ने मंगलवार को कुछ वस्तुओं एवं सेवाओं पर टैक्स की दरों में बदलाव को मंजूरी दे दी. साथ ही राज्यों को सोना और मूल्यवान पत्थरों की राज्य के भीतर आवाजाही के लिये ई-वे बिल (E-Way Bill) जारी करने की अनुमति भी दे दी गई. जीएसटी संबंधी नीति-निर्धारक इकाई जीएसटी काउंसिल की बैठक (GST Council Meeting) के पहले दिन जीएसटी में पंजीकृत कंपनियों के लिये कई अनुपालन संबंधी प्रक्रियाओं तथा मंत्री समूह (जीओएम) की टैक्स चोरी रोकने संबंधी रिपोर्ट को भी मंजूरी दी गई. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता वाली परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल हैं.
बुधवार को होगी इन पर चर्चा
राज्यों को जून 2022 के बाद राजस्व क्षतिपूर्ति की व्यवस्था जारी रखने तथा कैसिनो, ऑनलाइन गेम और घुड़दौड़ पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा बुधवार को होगी. विपक्ष-शासित राज्य जीएसटी क्षतिपूर्ति व्यवस्था को पांच साल के लिए बढ़ाने या राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी मौजूदा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 70-80 प्रतिशत करने की मांग कर रहे हैं. मंगलवार को हुई बैठक में परिषद ने राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह की तरफ से पेश अंतरिम रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया.
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होटल के सस्ते कमरों पर जीएसटी
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई की अध्यक्षता वाले इस मंत्री समूह ने उल्टा शुल्क ढांचा (तैयार वस्तुओं के मुकाबले कच्चे माल पर अधिक कर) और कुछ वस्तुओं पर कर छूट समाप्त करने समेत दरों को युक्तिसंगत बनाने से जुड़ी अनुशंसाएं दी हैं. जीओएम ने कई सेवाओं पर जीएसटी छूट समाप्त करने का सुझाव दिया है. इसमें 1,000 रुपये प्रतिदिन से कम किराया वाले होटल कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से कर लगाने का सुझाव शामिल है. अभी इस पर कोई कर नहीं लगता है. इसके साथ ही अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिये 5,000 रुपये से अधिक किराये वाले कमरों (आईसीयू को छोड़कर) पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने की भी सिफारिश की गई है.
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पोस्ट ऑफिस सर्विस पर जीएसटी लगाने का सुझाव
जीओएम ने पोस्टकार्ड और अंतर्देशीय पत्र, ‘बुक पोस्ट’ और 10 ग्राम से कम वजन के लिफाफे को छोड़कर अन्य डाकघर सेवाओं पर कर लगाने का सुझाव दिया है. राज्यों के भीतर, सोना, आभूषण और मूल्यवान पत्थरों की आवाजाही को लेकर ई-वे बिल के संदर्भ में परिषद ने सिफारिश की है कि राज्य एक सीमा तय कर सकते हैं जिसके ऊपर इलेक्ट्रॉनिक बिल जारी करना अनिवार्य होगा. मंत्रियों के समूह ने सीमा दो लाख रुपये या उससे ऊपर रखने की सिफारिश की है. उच्च जोखिम वाले करदाताओं के संदर्भ में मंत्री समूह की रिपोर्ट में जीएसटी के तहत उच्च जोखिम वाले करदाताओं के पंजीकरण के बाद सत्यापन का सुझाव दिया गया है. ऐसे करदाताओं की पहचान के लिये इसमें बिजली बिल के ब्योरे और बैंक खातों का सत्यापन की भी बात कही गयी है.
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GST Council ने कुछ वस्तुओं पर टैक्स छूट खत्म करने के प्रस्ताव को दी मंजूरी