डीएनए हिंदी: भले ही भारत ने क्रूड ऑयल (Crude Oil) का इंपोर्ट रूस से 50 गुना बढ़ गया हो, भले ही आर्थिक मंदी की आहट से कच्चे तेल की डिमांड (Crude Oil Demand) कम हो गई हो, लेकिन इंडियन ऑयल (Indian Oil) का मानना है कि इन तमाम कारणों के बाद भी कच्चे तेल के दाम इंटरनेशनल मार्केट में 100 डॉलर से ज्यादा ही बने रहेंगे. मौजूदा समय में इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम (Crude Oil Price) 110 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा बने हुए हैं. वैसे जून में अपने हाई से ब्रेंट क्रूड करीब 15 डॉलर प्रति बैरल नीचे आ चुका है.
100 डॉलर से ज्यादा रहेंगे क्रूड ऑयल के दाम
इंडियन ऑयल के फाइनेंस डायरेक्टर संदीप कुमार गुप्ता ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि उन्हें यूक्रेन क्राइसिस के बीच 2022 के बाकी बचे दिनों में कच्चे तेल कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर रहने की उम्मीद है. वास्तव में रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने के बाद यूरोप ने रूस के क्रूड ऑयल पर बैन लगा दिया है. जिसके बाद यूरोप जो रूशियन ऑयल का सबसे बड़ा विक्रेता था ने इस्तेमाल करना बंद कर दिया है. अब वो अमेरिका और दूसरे देशों पर ऑयल के लिए निर्भर हो गया है. जिसकी वजह से क्रूड ऑयल के दाम काफी बढ़ गए हैं.
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मंदी में करेगा इजाफा
संदीप कुमार गुप्ता ने आगे भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि रूस-यूक्रेन संघर्ष से आर्थिक नुकसान 2022 में महत्वपूर्ण वैश्विक विकास मंदी में योगदान देगा. इसका मतलब है कि क्रूड ऑयल के दाम मे इजाफा होगा तो दुनिया के तमाम देशों में महंगाई में इजाफा होगा. जिसकी वजह से केंद्रीय बैंकों को अपनी नीतिगत ब्याज दरों में इजाफा करना पड़ेगा. जिससे मंदी के आसार बढ़ जाएंगे. साथ ही इकोनॉमिक ग्रोथ पर भी ब्रेक लेगा. हाल ही में फेड ने अपनी ब्याज दरों में 28 साल बाद सबसे बड़ा इजाफा किया है. वहीं भारत का केंद्रीस बैंक आरबीआई भी दारे महीनों में रेपो रेट में 0.90 फीसदी का इजाफा कर चुका है. जानकारों का कहना है कि ब्याज दरों का आक्रमक रूप से बढऩा मंदी का संकेत देता है.
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मौजूदा समय में क्या है क्रूड ऑयल के दाम
मौजूदा समय में कच्चे तेल के दाम में मामूली इजाफा देखने को मिल रहा है. आंकड़ों के अनुसार ब्रेंट क्रूड के दाम 0.29 फीसदी की तेजी के साथ 110.37 डॉलर प्रति ओंस पर कारोबार कर रहा है. जबकि अमेरिकी क्रूड ऑयल 0.47 फीसदी की तेजी के साथ 104.76 डॉलर प्रति ओंस पर कारोबार कर रहा है. जून के महीने में ब्रेंट क्रूड ऑयल 125 डॉलर के हाई पर गया था, जो वहां ब्रेंट 12 डॉलर प्रति ओंस नीचे आ चुका है, जबकि 14 जून को डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल 124 डॉलर के साथ हाई पर था, जो करीब 15 फीसदी नीचे आ चुका है.
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वर्ष 2022 में क्रूड ऑयल की कीमतें प्रति बैरल 100 डॉलर से नहीं होंगी कम, क्या है वजह?