डीएनए हिंदी: दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोएक्सचेंज कॉइनबेस (Coinbase) ने अपने 18 फीसदी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. जिसमें भारत में एक्सचेंज के कुल 18 कर्मचारियों (Coinbase Employees in India) में से एक कर्मचारी की भी नौकरी चली गई है. कॉइनबेस से निकाले गए कर्मचारियों में कंपनी के रिक्रूट मैनेजर का नाम भी शामिल है. आपको बता दें कि बीते कुछ महीनों से क्रिप्टोकरेंसी मार्केट (Cryptocurrency Market) में काफी गिरावट देखने को मिली है. जिसकी वजह से क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. जिसका असर अब देखने को मिल रहा है. कंपनी के सीईओ ने कहा कि बाजार मंदी में एंट्री कर रहा है. जिसकी वजह से उन्हें इस तरह का फैसला लेना पड़ा है.
कंपनी के फैसले का भारत पर असर
क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनबेस ग्लोबल इंक ने घोषणा की कि वह अपने कर्मचारियों की 18 फीसदी छंटनी करेगा. अमेरिका स्थित कंपनी के अपने ग्लोबल वर्कफोर्स में कटौती के फैसले से भारत में कंपनी के कर्मचारी भी प्रभावित हुए हैं. कॉइनबेस के वरिष्ठ निदेशक दुर्गेश कौशिक ने एक ट्वीट में कहा कल हमने अपनी टीम के आकार को कम करने का कठिन निर्णय लिया, जिससे कॉइनबेस के ग्लोबल वर्कफोर्स का 18 फीसदी प्रभावित हुआ. हालांकि इस फैसले ने भारत में काम करने वाले कर्मचारियों को प्रभावित किया है जोकि ग्लोबल एवरेज से कम है. उन्होंने कहा कि हमारी भारतीय टीम का लगभग 8 फीसदी हिस्सा प्रभावित हुआ है. भारत में क्रिप्टो एक्सचेंज के बारह कर्मचारियों में से एक को नौकरी से निकाल दिया गया है.
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कंपनी ने पहले बनाई थी यह योजना
कॉइनबेस ने हाल के वर्षों में काफी लोगों को नौकरियां दी थी. इस साल इसके कर्मचारियों की संख्या में लगभग 1,200 कर्मचारी थे. कंपनी की योजना अपने वर्कफोर्स को इस तिमाही में लगभग 5,000 करने की थी. जिसके बाद इस प्रस्ताव को हाल में रद कर दिया गया था, जिसकी काफी आलोचना भी की गई थी. अप्रैल में, कॉइनबेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ब्रायन आर्मस्ट्रांग ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा था कि कंपनी साल के अंत तक भारत में कर्मचारियों की संख्या को चौगुना करने की योजना बना रही है, जो कि अपने भारतीय टेक हब में मौजूदा 300 कर्मचारियों में 1,000 जोड़ देगा. कंपनी ने घोषणा की थी कि भारत वैश्विक उत्पादों को विकसित करने के लिए फर्म का टेक सेंटर होगा और नए कर्मचारियों में से आधे इंजीनियर होंगे.
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नौकरी जाने के बाद रिक्रूटमेंट मैनेजर ने क्या कहा
कॉइनबेस के रिक्रूटमेंट मैनेजर भी इस छंटनी में आ गए हैं. क्लिंटन ब्लीव ने अपने लिंक्डइन पोस्ट पर लिखा है, वाकई काफी शानदार सफर रहा है. कॉइनबेस से उनकी छंटनी हो गई है. अब उनके पास सिंगापुर छोडऩे के लिए 30 दिनों का समय है. उन्होंने कहा कि कंपनी के सीईओ के फैसले को हल्के में नहीं लेना चाहिए. उनके लिए अभी काफी रिस्पेक्ट है, लेकिन इससेफैसले का असर नहीं बदलने वाला है. उन्होंने कहा कि वो काफी प्राउड फील करते हैं उन्होंने में 70 से ज्यादा लोगों को हायर किया.
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Crypto मंदी के दौर में Coinbase एक्सचेंज ने की छंटनी, भारत से हुए इतने बेरोजगार