डीएनए हिंदी: देशभर में महंगाई के चलते सरकार काफी सारे कदम उठा रही है. पहले टमाटर की बढ़ी कीमत के कारण सरकार ने उन्हें उच्च दामों पर खरीद कर आम जनता में काफी सस्ते दामों पर बेचा था. ताकि जनता की जेब पर भारी बोझ ना पड़े. इसके बाद बाजार में चावल और लहसुन की कीमतों में बढ़ोतरी आई उसके बाद भी सरकार ने कई अहम कदम उठाए, जिससे घरेलू बाजार में अनाज की कीमतों पर काबू पाया जा सके. अब आपको बता दें कि प्याज को लेकर भी सरकार ने फिर एक बार बड़ा कदम उठाया है. सरकार के भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (NCCF) ने शनिवार को बताया कि पिछले चार दिनों में उसने किसानों से सीधे 2,826 टन प्याज खरीदा है. 2410 रुपये प्रति क्विंटल की लागत से यह खरीदारी की गयी. सरकार ने इस साल प्याज के बफर स्टॉक का लक्ष्य तीन लाख टन से बढ़ाकर पांच लाख टन कर दिया है.
सरकार ने लिए महत्वपूर्ण कदम
सरकार घरेलू कीमतों पर काबू करने के लिए निर्यात को सीमित करते हुए किसानों को घबराहट में अपनी जमीन बेचने से रोकना चाहती है. इसके चलते सरकार ने दो सहकारी समितियों एनसीसीएफ और नाफेड को उत्पादकों से सीधे एक लाख टन प्याज खरीदने का निर्देश दिया है. सरकार के बफर स्टॉक को दोनों सहकारी समितियों द्वारा थोक और खुदरा बाजारों में बेचा जा रहा है. गुणवत्ता के आधार पर दिल्ली और अन्य शहरों में प्याज की कीमत 50-60 रुपये प्रति किलो तक है.
ये भी पढ़ें: चावलों की बढ़ी हुई कीमतों से मिलेगी राहत, सरकार ने लिया बड़ा फैसला
किसानों से सीधे खरीदारी
एनसीसीएफ के प्रबंध निदेशक अनीस जोसेफ चंद्रा ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि 22 अगस्त को सहकारी समिति ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में किसानों से सीधे खरीदारी शुरू की. उनके अनुसार, महाराष्ट्र में लगभग 12-13 नए खरीद केंद्र शुरू किए गए हैं जिनकी संख्या मांग के आधार पर बढ़ाई जा सकती है. चंद्रा ने कहा कि "हमने पिछले चार दिनों में लगभग 2,826 टन प्याज की खरीदारी की है." सबसे ज्यादा खरीदारी महाराष्ट्र में की गई है. अभी कुल एक लाख टन की खरीद होनी है. उन्होंने दावा किया कि मौजूदा थोक दर 1900-2000 रुपये प्रति क्विंटल की तुलना में एनसीसीएफ किसानों को प्याज के लिए 2410 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत पर सीधे भुगतान कर रहा है.
ये भी पढ़ें: क्रूड ऑयल की कीमतों में हुआ बदलाव, जानें क्या है आपके शहर में पेट्रोल-डीजल के भाव
सरकार ने लगाया एक्सपोर्ट ड्यूटी
सरकार ने कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने के प्रयास में इस सप्ताह प्याज के निर्यात पर 40% तक निर्यात शुल्क लगाया. वित्त मंत्रालय ने कहा है कि नया शुल्क 31 दिसंबर तक प्रभावी रहेगा. इससे दुनिया भर में प्याज की कीमत बढ़ने को लेकर चिंता बढ़ गई है. भारत में प्याज की कीमतों में सालाना 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है. कीमतों को लेकर टमाटर जैसी स्थिति से बचने के लिए सरकार सावधानी बरत रही है. जब ऐसा हो रहा था, जुलाई में भारत की खुदरा मंहगाई दर 6% बढ़कर 7.44% हो गई है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
कीमतों पर काबू पाने की कोशिश, सरकार ने 4 दिनों में खरीदा 2826 टन प्याज