डीएनए हिंदी: वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि केंद्र ने 2023-24 की अप्रैल-सितंबर की अवधि में बाजार उधार के जरिए 8.88 लाख करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है. जिससे रेवेन्यू अंतर को कम किया जा सके. एक ऑफिशियल बयान में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अनुमानित 15.43 लाख करोड़ रुपये के सकल बाजार उधार में से 8.88 लाख करोड़ रुपये या 57.5 प्रतिशत पहली छमाही (H1) में उधार लेने की योजना है.
उधारी को 31,000-39,000 करोड़ रुपये के 26 साप्ताहिक किस्तों में पूरा किया जाना है. उधार 3, 5, 7, 10, 14, 30 और 40-वर्षीय प्रतिभूतियों के तहत बढ़ाया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने वित्त वर्ष 2024 के बजट में राजकोषीय घाटे या व्यय और राजस्व के बीच के अंतर को चालू वित्त वर्ष में 6.4 प्रतिशत के मुकाबले वित्त वर्ष 24 के सकल घरेलू उत्पाद के 5.9 प्रतिशत तक कम कर दिया था.
2023-24 में राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए, डेटेड सिक्योरिटीज से शुद्ध बाजार उधार 11.8 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है. "विभिन्न मैच्योरिटी के तहत उधार का हिस्सा 3 वर्ष (6.31 प्रतिशत), 5 वर्ष (11.71 प्रतिशत), 7 वर्ष (10.25 प्रतिशत), 10 वर्ष (20.50 प्रतिशत), 14 वर्ष (17.57 प्रतिशत), 14 वर्ष (17.57 प्रतिशत) होगा, 30 साल (16.10 फीसदी) और 40 साल (17.57 फीसदी)."
इसमें कहा गया है कि सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड (Sovereign Green Bonds) जारी करने की घोषणा वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी छमाही (H2) में की जाएगी. सरकार रिडेम्पशन प्रोफाइल को आसान बनाने के लिए स्विच ऑपरेशन जारी रखेगी. बयान के मुताबिक, नीलामी अधिसूचना में इंगित प्रत्येक सिक्योरिटीज के लिए सरकार 2,000 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त सदस्यता बनाए रखने के लिए ग्रीन-शू विकल्प का प्रयोग करना जारी रखेगी.
वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही (Q1) में ट्रेजरी बिल जारी करने के जरिए साप्ताहिक उधारी 32,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, तिमाही के दौरान FY2022-23 के लिए 1.42 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध उधारी के साथ पहली तिमाही में 2.40 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध उधारी थी.
तिमाही के दौरान आयोजित होने वाली प्रत्येक साप्ताहिक नीलामी के जरिए 91 डेटेड ट्रेजरी बिल (DTBs) के तहत 12,000 करोड़ रुपये, 182 डीटीबी के तहत 12,000 करोड़ रुपये और 364 डीटीबी के तहत 8,000 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे.
पहले की तरह, इसने कहा, केंद्र/आरबीआई के पास अधिसूचित राशि, जारी करने की अवधि, मैच्योरिटी, मानक परिपक्वता, फ्लोटिंग रेट बॉन्ड (FRBs), CPI से जुड़े मुद्रास्फीति-अनुक्रमित बॉन्ड (IIBs) आदि के संदर्भ में कैलेंडर में संशोधन करने के लिए लचीलापन बना रहेगा.
सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के परामर्श से, नीलामी अधिसूचना में इंगित प्रत्येक प्रतिभूतियों के खिलाफ 2,000 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त सदस्यता बनाए रखने के लिए ग्रीन-शू विकल्प का उपयोग करने का अधिकार सुरक्षित रखती है. RBI ने अपने बयान में कहा कि, सरकार के परामर्श से यह निर्णय लिया गया है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 (अप्रैल 2023 से सितंबर 2023) की पहली छमाही के लिए वेज एंड मीन्स एडवांस (WMA) की सीमा 1,50,000 करोड़ रुपये होगी.
इसमें कहा गया है कि जब सरकार WMA की 75 प्रतिशत सीमा का उपयोग कर लेती है तो RBI बाजार ऋणों के नए फ्लोटेशन को ट्रिगर कर सकता है. आरबीआई मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, सरकार के परामर्श से किसी भी समय सीमा को संशोधित करने के लिए लचीलापन बरकरार रखता है.
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केंद्र अप्रैल-सितंबर के बीच बाजार से 8.88 लाख करोड़ रुपये उधार लेने की बना रहा है योजना, जानिए क्यों