डीएनए हिंदी: केंद्र सरकार वेतन आयोग के कांसेप्ट पर फुलस्टॉप लगाने की तैयारी कर रही है. इसका मतलब है कि केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने के लिए अब आठवां वेतन आयोग नहीं आएगा. केंद्र सरकार अब सैलरी इंक्रीमेंट को लेकर नए फॉर्मूले पर काम कर रही है. अगर ऐसा होता है तो 7वां वेतन आयोग ही लास्ट होगा. वास्तव में सरकार अरुण जेटली फॉर्मूले पर काम कर रही है, जिसका जिक्र उन्होंने 2016 में किया था, लेकिन पहले उनकी तबीयत खराब होने और उसके बाद उनके देहांत होने से इस फॉर्मूले पर काम नहीं हो सका. अब सरकार ने फॉर्मूले पर दोबारा काम करना शुरू कर दिया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार आठवां वेतन आयोग पर पूर्ण विराम लगाकर नए फॉर्मूले पर काम कर सकती है. इस बात पूरी संभावना जताई जा रही है कि आठवां वेतन आयोग नहीं आएगा. अग कर्मचारियों की सैलरी इंक्रीमेंट को उनकी परफॉर्मेंस के आधार पर आंका जाएगा. इसका मतलब है कि सरकार कर्मचारियों की सैलरी पर पीएलआई दी जाएगी. केंद्र की मोदी सरकार इस नए फॉर्मूले के फायदे और नुकसान के साथ प्रोसेस पर काम कर रही है. ताकि इस जल्द से जल्द लागू किया जा सके.
करीब 6 साल पहले जेटली ने दिया था कांसेप्ट
वेतन आयोग के बदले कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी उनकी परफॉर्मेंस के आधार करने का आइडिया पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ही दिया था. उन्होंने 2016 में इस ओर इशारा किया था कि अब सरकार को पे कमीशन से हटकर कर्मचारियों की सैलरी इंक्रीमेंट को लेकर दूसरे नजरिये की ओर जाना चाहिए. ताकि छोटे कर्मचारियों से लेकर बड़े आॅफिसर्स तक सभी को फायदा मिल सके.
क्या हो सकता है फॉर्मूला
केंद्र सरकार मौजूदा समय में 68 लाख कर्मचारियों और 52 लाख पेंशनर्स की सैलरी एवं पेंशन इंक्रीतमकेंट को लेकर नए फॉर्मूले पर काम कर रही है. जिसके तहत 50 फीसदी महंगाई भत्ता होने पर सैलरी में अपने आप ही इंक्रीमेंट हो जाए. जिसे ऑटोमैटिकली पे रिविजन का नाम दिया जा सकता है. हालांकि, वेतन आयोग को समाप्त करने और नया फार्मूला लागू करने के बारे में सरकार ने फाइनल डिसिजन नहीं लिया है. इस पूरे मामले में विचार-विमर्श किया जा सकता है.
किस तरह का होगा फायदा
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली चाहते थे कि मिड लेवल इंप्लॉयज के साथ लोअर लेवल के कर्मचारियों की सैलरी में अच्छा इजाफा देखने को मिले. इसके लिए फॉर्मूला बनना अभी बाकी है. लेकिन, अगर नए फार्मूला लागू होता है तो लेवल मैट्रिक्स 1 से 5 लेवल वाले केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी कम से कम 21 हजार हो सकती है.
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सरकार लगाएगी वेतन आयोग पर फुलस्टॉप, जानें कैसे बढ़ सकती है सैलरी