डीएनए हिंदी: RBI ने अपनी हालिया प्रेस कॉनफ्रेंस में एक बार फिर रेपो रेट में इजाफा कर दिया है. यह छठवीं बार है कि जब केंद्र बैंक ने रेपो रेट की दरें बढ़ाई हैं. स्टॉक मार्केट के लिहाज से यह फैसला काफी पॉजिटिव रिस्पांस लेकर आया और ज्यादातर कंपनियों के शेयर्स ग्रीन मार्क के साथ बंद हुए और निवेशकों को अच्छा खासा फायदा हुआ है. ऐसे मे विशेषज्ञों का कहना है कि निवेश के लिए यह समय अच्छा है क्योंकि ब्याज दरों में पिछले कुछ समय में कोई इजाफा नहीं हुआ है.
विशेषज्ञों का कहना है कि म्युचुअल फंड निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो के लिहाज से मार्केट को समझना चाहिए और लॉन्ग टर्म के लिहाज से कुछ बदलाव करने की भी आवश्यकताएं हैं. विशेषज्ञों ने बताया है कि इक्विटी फंड में निवेश करने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी कुछ समय के लिए बेहतर हो सकती है लेकिन इसके लॉन्ग टर्म में नुकसान हो सकते हैं. इसके अलावा रेपो रेट में इंडिविजुअल और कॉरपोरेट बैलेंस सीट दोनों पर ही नकारात्मक रिस्पॉन्स होता है.
RBI के फैसले के बाद आम लोगों पर किस्तों का बोझ पड़ने वाला है. इसका नतीजा यह होगा कि जिन लोगों ने लोन लिया है, वे अपनी बचत में कटौती करेंगे और उससे ही किस्तों में पैसा जमा करेंगे. ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि अगले 1 से डेढ़ साल तक निवेश के लिए नए विकल्पों पर ध्यान देना चाहिए. इसके अलावा डेट निवेशक नए सिरे से लॉन्ग टर्म में निवेश करने के लिए यह म्युचुअल फंड मे निवेश कर सकते हैं.
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