डीएनए हिंदी: वैसे तो हर महीने ही आप अपने घर का बजट बनाते हैं. लेकिन बीते कुछ दिनों से 'बजट' शब्द काफी चर्चा में है. वजह यह है कि 1 फरवरी को देश का बजट पेश होने वाला है. इस बजट पर सबकी निगाह रहती है. सबको उम्मीद रहती है. अब सवाल यह है कि बात घर के खर्च और बचत की हो या देश के इसके लिए शब्द एक ही है- बजट.
आखिर कहां से आया यह शब्द? असल में इसका मतलब क्या होता है? इसकी भी एक अलग कहानी है. साथ ही हैरानी की बात यह भी है कि हमारे संविधान में कहीं बजट शब्द का इस्तेमाल भी नहीं किया गया है. जानते हैं इस रोचक तथ्य के बारे में विस्तार से-
कहां से आया बजट शब्द
बजट शब्द फ्रेंच शब्द 'बूजे' से लिया गया है. इसका अर्थ होता है छोटा थैला. इस शब्द का इस्तेमाल शुरू करने का श्रेय इंग्लैंड के पूर्व वित्त मंत्री सर रॉबर्ट वालपोल को दिया जाता रहा है. दरअसल इससे एक घटना भी जुड़ी है. सन् 1733 में जब वालपोल वित्तीय विवरण के कागज एक थैले में लेकर सदन में आए थे. जब उनसे किसी ने पूछा कि थैले में क्या है तो उन्होंने कहा कि इसमें आप लोगों के लिए बजट है. इसके बाद एक पत्रिका ने वालपोल की इस बात का मजाक उड़ाते हुए एक लेख भी प्रकाशित किया था. इसका शीर्षक था- बजट खुल गया. कहा जाता है कि उसी समय से वित्तीय लेखे-जोखे के विवरण के लिए बजट शब्द का इस्तेमाल होने लगा, जो कि आज तक कायम है.
संविधान में शामिल नहीं है बजट शब्द
भारतीय संविधान में कहीं भी बजट शब्द का जिक्र नहीं है. बल्कि संविधान के अनुच्छेद 112 में इसे वार्षिक वित्तीय विवरण नाम दिया गया है. इस विवरण में सरकार पूरे साल के अपने अनुमानित खर्चों और होने वाली आय का ब्यौरा देती है.
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शुरू हो चुका है बजट सत्र
संसद के बजट सेशन की शुरुआत हो चुकी है और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के बाद आर्थिक सर्वे पेश किया गया है. आर्थिक सर्वे मौजूदा वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था का एक तरह से रिपोर्ट कार्ड होता है. आर्थिक सर्वे में 2022-2023 के लिए जीडीपी ग्रोथ 8-8.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है. मौजूदा साल की तुलना में विकास दर में गिरावट का अनुमान है.
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