डीएनए हिंदी: पंजाब में विधानसभा चुनाव (Punjab Election 2022) का मतदान 20 फरवरी को एक चरण में ही पूर्ण हो गया था. वहीं Zee Exit Poll के मुताबिक पंजाब में इस बार चौंकाने वाले नतीजे सामने आ सकते हैं और यहां आम आदमी पार्टी (AAP) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती है. पार्टी यहां करीब 52 से 61 सीटें हासिल कर सकती हैं. वहीं आप को पंजाब में 39 फीसदी वोट मिलने का अनुमान लगाया गया है,
कांग्रेस की कलह का फायदा
पंजाब में 2017 में बनी कांग्रेस की सरकार में शुरुआत से ही गतिरोध की स्थिति थी. पार्टी की यह आंतरिक कलह के कारण पार्टी में बिखराव आया. इसका नतीजा यह हुआ है कि पार्टी के कई नेताओं ने कांग्रेस और बीजेपी समेत विपक्षी दलों का साथ ले लिया. इसके अलावा कांग्रेस आलाकमान के निर्णयों के कारण बदले गए सीएम के चलते कांग्रेस की स्थिति कमजोर हो गई थी. वहीं इसका सीधा लाभ जी एग्जिट पोल्स में आप के हिस्से आता दिख रहा है.
केजरीवाल का मजबूत राजनीतिक कद
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को एक साफ छवि का नेता माना जाता है जो कि पार्टी के लिए एक सबसे सकारात्मक पहलू साबित हुआ है. केजरीवाल ने पंजाब चुनावों की कमान सीधे तौर पर अपने हाथों में ले रखी थी और वो दिल्ली में अपनी सरकार द्वारा किए गए कामों को रोल मॉडल बना पेश कर रहे थे.
केजरीवाल ने पंजाब में दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक से लेकर सरकारी स्कूलों की बदली हुई तस्वीर रखी और मुफ्त की योजनाओं को लागू करने का वादा किया और जी न्यूज का एग्जिट पोल यह संकेत दे रहा है कि केजरीवाल का यह मॉडल पंजाब की आम जनता को रास आया है. दिल्ली की इन्हीं योजनाओं के चलते पार्टी यहां विधानसभा चुनावों में बेहतरीन प्रदर्शन करती दिख रही है.
सीएम पद का उम्मीदवार
पंजाब में पिछले विधासनभा चुनावों में भी आप के बहुमत के करीब पहुंचने की संभावनाएं जताई जा रही थीं लेकिन पार्टी के हारने की एक वजह सीएम उम्मीदवार का चेहरा ना होना था. ऐसे में इस बार पार्टी ने भगवंत मान को सीएम फेस बनाया था जो कि पिछले लगभग दस वर्षों से पंजाब में सक्रिय राजनीति में हैं और इसके चलते एग्जिट पोल्स में आप को लाभ होता दिख रहा है.
पंजाब में पुरानी तैयारी
पंजाब में आम आदमी पार्टी 2017 के ही विधानसभा चुनावों से मजबूती से काम कर रही थी. पिछले चुनावों में पार्टी ने यहां 20 सीटें जीती थीं. वहीं पार्टी ने यहां 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन किया था. ऐसे में केजरीवाल की पार्टी का यहां मजबूत हो गया है. दूसरी ओर कांग्रेस की फूट और अकाली दल के प्रति जनता की नाराजगी का भी आप ने बेहतरीन फायदा उठाया है जो कि Zee Exit Poll में दिख रहा है.
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कांग्रेस का विकल्प बन रही आप
कांग्रेस ने आप की सरकार से पहले दिल्ली में 15 वर्ष तक शासन किया था लेकिन 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को शून्य पर ला दिया था. वहीं 2020 में भी पार्टी की स्थिति ऐसी ही थी. आप ने पहले पांच वर्षों में काम कर दिल्ली में अपनी पकड़ मजबूत की और फिर आसानी से दूसरा चुनाव जीता. वहीं अब पार्टी यही मॉडल पंजाब लेकर गई और संभवतः केजरीवाल का वर्किंग पैटर्न आम जनता को पसंद आ रहा है जिसका नतीजा यह है कि नई पार्टी के तौर आप को पंजाब में बहुमत के संकेत मिल रहे हैं.
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