डीएनए हिंदी. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में मैनपुरी जिले की करहल सीट से मैदान में उतरेंगे. वह पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे. सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आशुतोष वर्मा ने गुरुवार को बताया कि अखिलेश मैनपुरी की करहल सीट से पार्टी के उम्मीदवार होंगे.

अखिलेश इस समय आजमगढ़ से सांसद हैं. वह पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे. इससे पहले, उनके अपने संसदीय क्षेत्र की ही किसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की अटकलें लगायी जा रही थीं. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, सपा की मैनपुरी इकाई ने गुरुवार को सपा मुखिया को करहल सीट से चुनाव लड़ने की पेशकश की थी जिसे उन्होंने मंजूर कर लिया.

अखिलेश ने करहल को ही क्यों चुना?
करहल विधानसभा सीट (Karhal Vidhan Sabha Seat) पर समाजवादी पार्टी का सात बार कब्जा रहा है. 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की लहर के बावजूद सपा उम्मीदवार सोबरन यादव को एक लाख से ज्यादा वोट मिले थे और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी प्रेम शाक्य को 38 हजार से ज्यादा मतों से हराया था. करीब 20 साल पहले 2002 में आखिरी बार भाजपा इस सीट से जीती थी. उस वक्त सोबरन यादव भाजपा के उम्मीदवार थे. 

मुलायम का करहल से गहरा नाता
अखिलेश के पिता सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) फिलहाल मैनपुरी से सांसद हैं. वह पांचवीं बार यहां से सांसद चुने गए हैं. मैनपुरी सीट से पिछली नौ बार से सपा का ही सांसद चुना जाता रहा है. मुलायम का करहल से गहरा नाता है. उन्होंने यहीं के जैन इंटर कॉलेज से शिक्षा ग्रहण की थी और वह यहां शिक्षक भी रहे.

करहल में यादव वोटर्स का दबदबा
करहल विधानसभा सीट पर यादव मतदाताओं का ही दबदबा है. यहां इस बिरादरी की आबादी 28 प्रतिशत है. इसके अलावा इस क्षेत्र में अनुसूचित जाति की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत, ठाकुरों की 13 प्रतिशत, ब्राह्मणों की 12 प्रतिशत और मुस्लिम मतदाताओं 5 प्रतिशत हैं.

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भाजपा ने कहा- कर देंगे अखिलेश की साइकिल पंचर
भाजपा ने अखिलेश की करहल सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा पर कहा कि सपा अध्यक्ष अगर करहल को अपने लिए सुरक्षित सीट मानते हैं तो आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी यह गलतफहमी दूर हो जाएगी.

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भाजपा प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा, "अखिलेश को अगर यह लगता है कि करहल उनके लिए सुरक्षित सीट है तो यह उनकी गलतफहमी है, जो विधानसभा चुनाव में दूर हो जाएगी. उनके पिता मुलायम सिंह यादव बसपा अध्यक्ष मायावती की अपील के बाद किसी तरह से मैनपुरी लोकसभा सीट से चुनाव जीत पाए थे. इस बार भाजपा करहल में साइकिल को पंक्चर कर देगी ताकि वह एक्सप्रेस वे के रास्ते लखनऊ न पहुंच सके."

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Why Akhilesh Yadav Chose Karhal to contest elections
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Akhilesh Yadav ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए करहल को ही क्यों चुना?
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