डीएनए हिंदीः उत्तर प्रदेश में चार चरणों का मतदान हो चुका है और अब सिर्फ तीन चरण का मतदान बाकी है. क्या यूपी चुनाव परिणाम के बाद भाजपा और बसपा हाथ मिला सकते हैं, इसको लेकर अभी से कयास लगाए जाने शुरू हो चुके हैं. दरअसल अमित शाह ने हाल ही में एक इंटरव्यू में मायावती की तारीफ की थी. अब बसपा प्रमुख ने भी उनकी तारीफ की है.
हाल ही में अमित शाह (Amit Shah) ने एक इंटरव्यू में कहा था कि यह कहना गलत होगा कि बसपा प्रासंगिकता खो रही है. इसी बयान पर प्रश्न पूछे जाने पर मायावती ने बुधवार को कहा, "यह उनका बड़प्पन है कि उन्होंने सच्चाई को स्वीकार किया."
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मायावती आगे कहती हैं, “मैं उनसे कहना चाहती हूं, राज्य के अबतक हुए तीन चरण के मतदान में बसपा को न केवल दलित और मुस्लिमों का समर्थन मिला है बल्कि हमें उच्च और पिछड़े वर्ग के वोट भी मिल रहे हैं.
वोटर कर चुके हैं सपा को खारिज - मायावती
मायावती ने 403 सीटों वाली यूपी विधानसभा में भाजपा के 300 को पार करने के दावे पर कहा, केवल समय ही बताएगा. कौन जानता है, भाजपा और सपा के बजाय बसपा विजेता बन सकती है."
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वहीं सपा के साथ गठबंधन को लेकर मायावती के शब्द कुछ कड़क थे. बसपा प्रमुख ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "यूपी के वोटर पहले ही सपा को खारिज कर चुके हैं क्योंकि वे जानते हैं कि यह पार्टी सत्ता में आती है, तो गुंडा राज आ जाता है."
अभी भी प्रासंगिक हैं मायावती - शाह
मंगलवार को अमित शाह ने एक इंटरव्यू में कहा था कि मायावती की प्रासंगिकता खोई नहीं है. भाजपा के वरिष्ठ नेता से पूछा गया था कि क्या बसपा के कुछ दलित और मुस्लिम वोट छीन लेने से उत्तर प्रदेश में उनकी पार्टी को मदद मिलेगी. प्रश्न के जवाब में अमित शाह ने कहा, "मुझे नहीं पता कि इससे बीजेपी को फायदा होगा या नुकसान. यह सीट पर निर्भर करता है लेकिन यह सच नहीं है कि मायावती की प्रासंगिकता खत्म हो गई है."
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