डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश चुनाव परिणाम के बाद सभी दल अपनी हार और जीत पर मंथन करने में जुट गए हैं. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और वर्तमान में अखिलेश यादव के सहयोगी ओम प्रकाश राजभर ने सपा गठबंधन की हार के लिए मायावती को जिम्मेदार ठहराया है.
उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में भारतीय जनता पार्टी और मायावती की बहुजन समाज पार्टी के बीच मौन समझौता होने की बात कही. राजभर ने आरोप लगाया कि भाजपा और बसपा के बीच करीब 100 विधानसभा सीटों पर मौन सहमति थी इसी वजह से भाजपा दो-तिहाई बहुमत के साथ सत्ता में लौटी.
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ओम प्रकाश राजभर ने आरोप लगाया कि पुर्वांचल के लिए बसपा के 122 प्रत्याशियों का चयन भाजपा के कार्यालय पर किया गया था. उन्होंने दावा किया कि उनके पास इन आरोपों के पक्ष में मजबूत साक्ष्य हैं.
उन्होंने कहा कि 'बीएसपी और बीजेपी का मेल हो गया, जो यूपी में बड़ा खेल हो गया.' पूर्वांचल की 122 सीटें ऐसी हैं जिन पर भाजपा कार्यालय में उम्मीदवारों का फैसला हुआ और बसपा कार्यालय में चुनाव चिन्ह दिए गए. राजभर ने आगे कहा, "मैं इसके लिए सबूत दे सकता हूं. 4 बार सत्ता में रहने वाली पार्टियां - चाहे वह बसपा हो या कांग्रेस - ने बीजेपी का समर्थन किया. उनका वोट कहां गया?"
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जब उनसे सवाल किया गया कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को विधानसभा चुनाव में महज 6 सीटें मिली हैं, तो उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव परिणाम पर हर विधानसभा सीट के हिसाब से रिव्यू करेगी. उस रिपोर्ट में जो भी कमियां निकल कर सामने आएंगी, हम उन पर काम करने की कोशिश करेंगे.
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आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ा दल बनकरी उभरी है. भाजपा को बहुमत के लिए जरूरी दो-तिहाई से ज्यादा 255 सीटें मिली हैं. सहयोगियों के साथ एनडीए को 273 सीटें मिली हैं जबकि अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को 111 सीटें मिली हैं. चुनाव में सपा गठबंधन का हिस्सा रालोद को 8 और सुभसपा को 6 सीटें मिली हैं.
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