डीएनए हिंदी: कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी गुरुवार को देहरादून में थे. यहां उन्होंने एक रैली को संबोधित किया. इस रैली में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के बड़े-बड़े कटआउट्स ने सभी का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया.
रैली में कांग्रेस पार्टी के नेताओं के कटआउट्स के अलावा जनरल बिपिन रावत के कट आउट सभी को चौंका रहे थे.
रैली में मौजूद कांग्रेस पार्टी के नेता इसे जनरल रावत को श्रद्धांजलि का एक तरीका बता रहे हैं लेकिन उत्तराखंड की सियासत पर नजर रखने वालों का कहना है कि दरअसल जनरल बिपिन रावत के बड़े-बड़े कटआउट्स के सहारे कांग्रेस कहीं और ही निशाना साध रही है.
उत्तराखंड की सियासत में सैनिकों का बड़ा रोल
पहाड़ी राज्य उत्तराखंड की राजनीति में सैनिक और सैनिकों के परिवार की बड़ी भूमिका है. जिस वजह से हर चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल सैनिकों को लुभाने की कोशिश करते हैं. आज विजय दिवस के मौके पर कांग्रेस ने उत्तारखंड में ये रैली आयोजित की थी, जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कल राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था. आम आदमी पार्टी ने भी राज्य में कर्नल अजय कोठियाल को अपना सीएम फेस बनाया है.
हर परिवार से एक व्यक्ति सेना में!
दरअसल कहा जाता है कि उत्तराखंड के करीब-करीब हर परिवार से कम से कम एक व्यक्ति सेना में है. स्थानीय पत्रकारों की मानें तो राज्य में सैनिकों परिवारों से जुड़े मतदाताओं की संख्या करीब 12 फीसदी है. ऐसे में हर दल इनपर चुनाव से पहले डोरे डालता दिखाई देता है.
एक अनुमान के मुताबिक राज्य में करीब 2.5 लाख पूर्व फौजी हैं और हर एक के परिवार में औसतन 5 वोटर हों तो ये बड़ा समूह बना जाता है. इसलिए कोई भी पार्टी इस समूह को नजरअंदाज नहीं करना चाहती. सियासी जानकारों का कहना है कि बस इसी वजह से राहुल गांधी की रैली में सीडीएस के कट आउट लगाए गए.
राहुल की रैली में किया गया पूर्व सैनिकों का सम्मान
राहुल की रैली के दौरान जनरल रावत और हेलिकॉप्टर दुर्घटना में जान गंवाने वाले अन्य सैन्य अधिकारियों को 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई. इस दौरान राहुल गांधी ने 1971 युद्ध के वीरों के साथ भी मुलाकात की और उनका सम्मान किया.
रैली के दौरान सैनिकों के परिवारों से संवाद स्थापित करने की कोशिश करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "जो कुर्बानी उत्तराखंड के हजारों परिवारों ने दी है, वही कुर्बानी मेरे परिवार ने दी है. यहां जो लोग खड़े हैं, जिन्होंने अपना खून खोया है, अपना खून दिया है, वो इस रिश्ते को अच्छी तरह समझेंगे. जो सेना में हैं, उन परिवारों को ये बात गहराई से समझ आएगी. अपने पिता को खोना, भाई को खोना आप लोग जानते हो, समझते हो."
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