डीएनए हिंदी: इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन नहीं है लेकिन फिर भी कांग्रेस पार्टी ने करहल में अखिलेश यादव और जसवंत नगर में उनका चाचा शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारे हैं. कांग्रेस पार्टी ने इन दोनों नेताओं को वॉक ओवर देने का फैसला किया है.
करहल विधानसभा और जसवंत नगर विधानसभा सीट दोनों पर मंगलवार को नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी हो गई. करहल और जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्रों में तीसरे चरण में 20 फरवरी को मतदान होना है. दोनों क्षेत्रों में मंगलवार एक फरवरी को नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख थी.
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2019 में सपा ने रायबरेली-अमेठी में नहीं उतारे थे उम्मदीवार
कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह पारस्परिक सौहार्द है क्योंकि सपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली और अमेठी से सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था.
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यूपी कांग्रेस के महासचिव प्रकाश प्रधान ने कहा कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने निर्देश दिया था कि चूंकि सपा ने चुनाव में हमारे नेताओं के खिलाफ उम्मीदवार नहीं खड़े किए थे, इसलिए पार्टी करहल से अखिलेश यादव के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारेगी. प्रधान ने कहा कि पार्टी ने पहले ज्ञानवती यादव को इस सीट से उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन जब अखिलेश यादव ने यहां से चुनाव लड़ने का फैसला किया तो ज्ञानवती को नहीं उतारने का फैसला लिया गया।
शिवपाल छठी बार जसवंतनगर से लड़ रहे चुनाव
अखिलेश यादव जहां पहली बार अपने पिता मुलायम सिंह यादव की मैनपुरी लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले करहल क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं शिवपाल सिंह यादव छठी बार जसवंतनगर सीट से चुनाव मैदान में हैं. इटावा में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मलखान सिंह ने बताया कि कांग्रेस की इटावा जिला इकाई ने जसवंत नगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए छह लोगों का नाम पैनल को भेजा था किंतु पार्टी नेतृत्व ने वहां से किसी को प्रत्याशी नहीं बनाया है. उन्होंने बताया कि तीसरे चरण के चुनाव हेतु नामांकन का आज अन्तिम दिन था.
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