डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Elections) पर पूरे देश की नजर है. कोविड के लगातार बढ़ते मामलों के बीच सियासी दल कैसे मतदाताओं के बीच अपनी पैठ बढ़ाएंगे, यह सभी जानना चाहते हैं. निर्वाचन आयोग की ओर से चुनाव रैलियों पर 15 जनवरी तक प्रतिबंध लगाए जाने के बाद कोरोना वायरस संक्रमण की मुसीबत ने सियासी दलों की लड़ाई वर्चुअल मंच पर पहुंचा दी है.

चुनाव आयोग ने कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर आगामी 15 जनवरी तक तमाम चुनावी रैलियों और यात्राओं पर पाबंदी लगाते हुए वर्चुअल माध्यम से प्रचार करने के निर्देश दिए हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP) सोशल मीडिया पर मजबूती से सक्रिय है और समाजवादी पार्टी समेत अन्य दल भी सोशल मीडिया पर अपनी उपस्थिति को और बेहतर और मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं.

BJP की कैसी है तैयारी?

उत्तर प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित ने सोमवार को बताया कि सोशल मीडिया के इस्तेमाल के मामले में उनकी पार्टी बाकी दलों से मीलों आगे हैं, फिर भी आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी वर्चुअल माध्यम के सटीक इस्तेमाल की रणनीति पर काम कर रही है.

उन्होंने बताया कि पार्टी ने व्हाट्सएप, टि्वटर, फेसबुक, यूट्यूब और इंस्टाग्राम समेत तमाम सोशल मीडिया माध्यमों के जरिए मतदाताओं को पार्टी के कार्यक्रमों से जोड़ने के लिए बूथ स्तर तक के पदाधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी है और पार्टी हर संदेश और प्रसारण पर दी जाने वाली प्रतिक्रिया पर ध्यान केंद्रित करके अपनी रणनीति में जरूरी सुधार भी कर रही है.

दीक्षित ने बताया कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में बूथ स्तर तक के पदाधिकारियों और विधानसभा प्रभारियों को जिम्मेदारी दी गई है कि वह पार्टी की विभिन्न रैलियों में लोगों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी इंतजाम करें.

समाजवादी पार्टी भी कस रही है कमर

मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी भी चुनाव की इस वर्चुअल लड़ाई में विरोधियों को मात देने के लिए कमर कस रही है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आशुतोष वर्मा ने बताया कि डिजिटल मंच से ग्रामीण मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाना अब भी कठीन काम है लेकिन पार्टी बदले हुए परिदृश्य में इसका रास्ता तलाश रही है.

उन्होंने बताया कि यह सही है कि ग्रामीण इलाकों के करीब 40% फोन उपभोक्ता स्मार्टफोन नहीं चलाते लेकिन सपा का सबसे ज्यादा रुझान युवा मतदाताओं की ओर है और ग्रामीण इलाकों में भी ज्यादातर नौजवानों के पास स्मार्टफोन मौजूद है. पार्टी हर विधानसभा क्षेत्र में हजारों व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर युवाओं को उनसे जोड़ रही है. स्मार्टफोन इस्तेमाल नहीं करने वाले मतदाताओं तक, पहले से रिकॉर्ड किए हुए संदेश पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है.

AAP बोली- हमारे लिए वरदान साबित होगा वर्चुअल माध्यम से प्रचार

दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में वर्चुअल माध्यम से प्रचार करने के चुनाव आयोग के आदेश को अपने लिए एक 'वरदान' बताते हुए दावा किया है कि वह अनुभव के बल पर वर्चुअल मैदान में प्रतिद्वंद्वियों से बेहतर स्थिति में है. पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता वैभव माहेश्वरी ने बताया कि उनका दल हमेशा से ही लोगों तक व्यक्तिगत रूप से पहुंच बनाने पर यकीन करता रहा है और वर्चुअल माध्यम से प्रचार करने का आयोग का आदेश पार्टी के लिए किसी वरदान से कम नहीं है.

उन्होंने कहा, "आम आदमी पार्टी की सोशल मीडिया टीम के कंटेंट और उस पर आम जनता की सहभागिता बाकी पार्टियों से कहीं ज्यादा है. वास्तविक सहभागिता वह होती है जब पार्टी के संदेश को जनता अपनी मर्जी से आगे साझा करे. सामग्री की सबसे बड़ी खूबी हमारा वह एजेंडा है जो जनता को पसंद आता है. इसमें बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा शामिल है."

उन्होंने कहा कि पार्टी के राज्यसभा सदस्य और उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह की पिछले दो दिनों के दौरान हुई वर्चुअल रैली में यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर क्रमश: एक लाख 56 हजार और दो लाख 70 हजार से ज्यादा लोग जुड़े. माहेश्वरी ने बताया कि आम आदमी पार्टी ने हमेशा से ही स्थानीय मुद्दों को तरजीह देते हुए चुनावी जंग लड़ी है. ऐसे में उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल, पश्चिमांचल, बुंदेलखंड तथा मध्यांचल के अलग-अलग मुद्दों को चिन्हित करके उनके लिए अलग अलग सोशल मीडिया शाखाएं बनाई हैं। यह शाखाएं स्थानीय मुद्दों पर इलाकाई भाषाओं में संदेश और मीम्स तैयार करके उन्हें प्रसारित कर रही हैं.

कांग्रेस पार्टी भी तैयारियों में जुटी

कांग्रेस के प्रदेश मीडिया संयोजक ललन कुमार ने वर्चुअल चुनावी जंग की पार्टी की तैयारियों के बारे में बताया कि उनका दल प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों को सोशल मीडिया के जरिए जनता के बीच रखने की पुख्ता तैयारी में जुटा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर अपनी उपस्थिति पहले ही मजबूत कर रखी है लेकिन वर्चुअल माध्यम से चुनाव प्रचार के लिए अतिरिक्त बंदोबस्त किए जा रहे हैं. इसके तहत विधानसभा स्तर से लेकर बूथ स्तर तक सोशल मीडिया प्रभारियों की नियुक्ति की गई है. कोशिश यह है कि लक्षित मतदाता वर्ग तक उसकी दिलचस्पी और उसके अपने मुद्दों से जुड़ी कांग्रेस की बात प्रभावी ढंग से पहुंचाई जाए. (Input- PTI)

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Uttar Pradesh Assembly Election Virtual War between BJP Samajwadi Party AAP Congress BSP
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UP Elections: Covid के बीच होगा जबरदस्त Virtual War
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