डीएनए हिंदी: पंजाब में इसबार सियासी पारा बहुत गर्म हैं. राज्य की कमान पिछले कुछ महीनों से चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) संभाल रहे हैं. कांग्रेस में मचे घमासान के बीच उनपर फिर से अपनी पार्टी को सत्ता में लाना का दबाव है. राज्य में चुनावों के ऐलान से पहले उनसे विशेष बातचीत की Zee News के एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी (Sudhir Chaudhary) ने.
क्या एक्सीडेंटल चीफ मिनिस्टर हैं चरणजीत सिंह चन्नी?
इस सवाल के जवाब में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा, "मैं Accidental Chief Minister नहीं हूं. मैं बचपन से लोगों में हूं. तीन बार म्युनिसिपल पार्षद बना हूं. दो बार म्युनिसिपल का अध्यक्ष बना हूं. स्कूल में स्टूडेंट्स का प्रेसिडेंट रहा हूं. कॉलेज में चुनाव लड़ा. एकबार निर्दलीय विधायक जीता हूं. कुल तीन बार विधायक बना हूं ते संघर्ष है."
कभी CM बनोगे क्या कभी ऐसा सोचा था? बहुत सारे लोग कहते हैं कि आप टेंट लगाने गए थे और दूल्हा बन गए.
पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि सोचने से सबकुछ नहीं होता है. हमें पता नहीं होता कि परमात्मा ने हमारे लिए क्या तय किया है. जो पब्लिक चाहती है, जो कुदरत चाहती है, ये परमात्मा का विधान है. उन्होंने आगे कहा, "मेरे पिताजी का टेंट लगाने का काम था. मैंने उनके साथ टेंट लगाया है. दरियां बिछाई हैं. मैं हर काम कर सकता हूं. गरीबी से निकलने के लिए आपको बहुत काम करना पड़ता है. शिक्षा बहुत जरूरी है. कोई भी देश बिना अच्छी शिक्षा के आगे नहीं बढ़ सकता."
कैप्टन अमरिंदर सिंह और चरणजीत सिंह चन्नी में क्या फर्क है?
चरणजीत सिंह चन्नी ने इस सवाल के जवाब में कहा, "मेरा और कैप्टन अमरिंदर का कोई मेल नहीं है. वो रजवाड़े से संबंध रखते हैं. उन्हें जी हजूरी करवाने की आदत है. उनकी आदत थी कि हर आदमी आए पैर छुए. मेरे पिता ने संस्कार दिए हैं कि उम्र में बड़ा है तो पैर जरूर छुए, लेकिन वैसे संस्कार हमारे नहीं हैं कि सबके पैर छुएं, हम लोग गरीब हैं, मिडिकल क्लास से हैं, हम लोग जितना है उसमें ही खुश रहते हैं, वो बड़े लोगों में खुश रहते हैं, हमें चाय पीने में सुख है उन्हें रात में दारू पीने के लिए लोग चाहिए होते हैं."
सिद्धू सेल्फ गोल कर रहे हैं. उनसे कांग्रेस को कैसे बचाएंगे.
इस सवाल के जवाब में पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि सेल्फ गोल बचा लूंगा. दूसरी टीम के हमले भी रोक लूंगा. घर में भाई-बहन, पिता-माता वो भी आपको शिक्षा देते हैं. राजनीति में आपके आलोचक होना जरूरी हैं. मेरे आदमी मुझे कमियां बताते है. सिद्धू के काम से पार्टी को कोई नुकसान नहीं हो रहा है. मैं सरकार में काम कर रहा हूं. पार्टी की विचारधारा के आधार पर काम कर रहा हूं. वो संगठन का काम देख रहे हैं.
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