डीएनए हिंदी: देश के 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (BJP) 4 राज्यों में सत्ता संभालने जा रही है. राज्यसभा में पार्टियों के प्रतिनिधित्व पर इसका असर देखने को मिलेगा. भारतीय जनता पार्टी लगातार मिली सफलता से सदन में 100 का आंकड़ा पार कर जाएगी तो वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) प्रतिनिधित्व के आधार पर पाचंवी सबसे बड़ी पार्टी बन जाएगी.
विधानसभा चुनाव के नतीजे राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित कर पाएंगे या नहीं इससे भी पर्दा उठ गया है. एक बार फिर यह साबित हो गया है कि बहुमत सिर्फ बीजेपी के पास है. राष्ट्रपति चुनाव में क्षेत्रिय क्षत्रपों की भूमिका प्रभावित करने लायक नहीं रह गई है.
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राज्यसभा में और मजबूत होगा NDA
भारतीय जनता पार्टी राज्यसभा में पहली बार 100 सीटों के आंकड़े को पार कर लेगी. 2022 के अंतिम महीनों तक राज्यसभा में बीजेपी का प्रतिनिधित्व 97 से 104 सीटों तक पहुंच जाएगा. बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के पास कुल 122 सीटें हो जाएंगी. 243 सीटों वाले सदन में एनडीए सबसे मजबूत स्थिति में होगा जो बहुमत के आंकड़ों के पार होगा. बीजेपी इस साल उत्तर प्रदेश में तीन राज्यसभा सीटें हासिल करेगी और असम, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में कांग्रेस से 4 सीटें छीनेगी.
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AAP की भी राज्यसभा में बढ़ेगी ताकत
आम आदमी पार्टी को पंजाब में अपनी जीत से फायदा होगा. AAP को राज्यसभा में कुल 6 सीटें हासिल हो सकती हैं, जिनके लिए इस साल चुनाव होगा. पहले से ही आम आदमी पार्टी के 3 सांसद हैं. आम आदमी पार्टी अब राज्यसभा में बीजेपी, कांग्रेस, टीएमसी और डीएमके के बाद पांचवी सबसे बड़ी पार्टी बन जाएगी. कांग्रेस साल के अंत तक महज 27 सीटों पर सिमट जाएगी. राज्यसभा में कांग्रेस की सबसे कम संख्या 34 रही है.
बाहरी दलों पर खत्म होगी NDA की निर्भरता
4 राज्यों में मिली भारी जीत का बीजेपी को बड़ा फायदा होगा. नरेंद्र मोदी सरकार को बीजू जनता दल जैसे पार्टियों के बाहरी समर्थन की जरूरत कम पड़ेगी. कुछ समर्थन देने वाले दल कई मुद्दों पर नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ मुखर रहे हैं. राज्यों और उच्च सदन दोनों में बीजेपी की स्थिति मजबूत होने वाली है. राष्ट्रपति चुनाव के दौरान विपक्ष की चुनौतियां इससे कम जाएंगी.
राष्ट्रपति चुनावों पर क्या होगा असर?
इस साल राज्यसभा की कुल 75 सीटों पर मतदान होना है. लोकसभा चुनावों के विपरीत, जहां मतदाता सीधे एक विधायक का चुनाव करते हैं, राज्यसभा सांसद विधायकों द्वारा चुने जाते हैं. राज्यसभा में, एनडीए सरकार अल्पमत में थी और मोदी सरकार के पहले 5 साल के दौरान इसकी वजह से कई कानून सही समय पर पारित नहीं हो सके. पिछले दो साल से, सरकार ने धीरे-धीरे राज्यसभा में बढ़त हासिल कर ही है. 3 तलाक, अनुच्छेद 370 और कृषि कानूनों पर कठिन फैसले सरकार अब बिना विपक्ष की चुनौतियों से डरे बिना कर रही है. ऐसे में अब राज्यसभा में नरेंद्र मोदी सरकार और मजबूत होने वाली है. राज्यसभा में बढ़ी ताकत की वजह से एक बार फिर बीजेपी जिसे चाहेगी, वही राष्ट्रपति बनेगा.
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