डीएनए हिंदी: पंजाब चुनाव में कांग्रेस पार्टी का मुख्यमंत्री चेहरा बनने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू और चरणजीत सिंह चन्नी आमने-सामने हैं लेकिन आने वाले दिनों में इन दोनों नेताओं के भाई-बहन कांग्रेस पार्टी की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं.
दरअसल शुक्रवार को एक ओर जहां नवजोत सिंह सिद्धू की 'बहन' ने उनपर गंभीर पारिवारिक आरोप लगाए वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भाई ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पर्चा भरा.
सिद्धू की बहन ने लगाए क्या आरोप
अमेरिका से आई नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) की 'बहन' सुमन तूर ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि उनके पिता की मृत्यु के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी बूढ़ी मां को लावारिस छोड़ दिया था और बाद में 1989 में दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक बेसहारा महिला के रूप में उनकी मृत्यु हो गई.
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सुमन तूर ने पारिवारिक संपत्ति हड़पने के इरादे से पिता की मृत्यु के बाद अपनी बुजुर्ग मां को छोड़ने के लिए क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू को क्रूर करार दिया. सिद्धू की बहन ने दावा किया कि उनके भाई ने उन्हें और उनकी मां को 1986 में बेसहारा छोड़ने छोड़ दिया और यह सब संपत्ति हड़पने के लिए किया गया.
चन्नी के भाई ने भरा बस्सी पठाना से पर्चा
एक तरफ जहां सिद्धू की बहन ने उनपर आरोप लगाए तो वहीं दूसरी तरफ पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) के भाई मनोहर सिंह ने शुक्रवार को प्रदेश के बस्सी पठाना विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया. कांग्रेस ने फतेहगढ़ साहिब जिले के बस्सी पठाना सीट से मौजूदा विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी को उम्मीदवार बनाया है.
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पार्टी का टिकट नहीं मिलने के बाद मनोहर सिंह ने इससे पहले कहा था कि वह विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे. मनोहर सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि वह बस्सी पठाना के लोगों की इच्छानुसार इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.
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