डीएनए हिंदी: पंजाब में अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने हैं. राज्य में इसबार के चुनाव में बाजी किसके हाथ लगेगी ये कहना काफी मुश्किल हैं. राज्य में इसबार समीकरण पिछले विधानसभा चुनाव से बदले हुए हैं. ऐसे हालातों में कांग्रेस पार्टी के नेता अमरजीत सिंह टिक्का ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर चुनाव जीतने के लिए अहम सुझाव दिया है.
पंजाब की चुनावी राजनीति में गैर-जट सिखों की अहमियत बताते हुए कांग्रेस नेता अमरजीत सिंह टिक्का ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से आगामी राज्य विधानसभा चुनावों में समुदाय को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देना का आग्रह किया है.
अपने पत्र में टिक्का ने कहा है, "मैं आपका ध्यान पंजाब के राजनीतिक परिदृश्य, यहां की जनसांख्यिकी और चुनावों की ओर दिलाना चाहता हूं. पंजाब में विधानसभा की 35 सीटों का संबंध शहरी आबादी से है और शहरी गैर-जट सिखों का इन सभी निर्वाचन क्षेत्रों में एक निर्णायक वोट बैंक है. गैर-जट सिखों का प्रतिनिधित्व 15 प्रतिशत है और बहुसंख्यक गुट खत्री/अरोड़ा का 16 प्रतिशत है."
उन्होने अपने पत्र में कहा कि गैर जट सिख आगामी चुनावों में निर्णायक और गेम चेंजिंग भूमिका निभाएगा. इसलिए उन्हें सरकार में पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरदार चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त करने का निर्णय पूरी तरह से एससी/एसटी समुदाय के प्रतिनिधित्व पर आधारित है क्योंकि पंजाब में एससी/एसटी समुदाय का प्रतिशत पूरे देश में सबसे अधिक है.
गैर-जट सिख समुदाय के पर्याप्त प्रतिनिधित्व की आवश्यकता पर जोर देते हुए, टिक्का ने कहा कि गैर-जट सिख समुदाय से संबंधित केवल एक कैबिनेट मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी थे, जिन्हें बाद में हटा दिया गया था, जिसके परिणाम स्वरूप समुदाय में व्यापक आक्रोश था. लुधियाना का उदाहरण देते हुए, कांग्रेस नेता ने कहा कि लुधियाना में विधानसभा में चार प्रतिनिधि हैं और गैर-जट सिख समुदाय का इनमें से तीन सीटों लुधियाना सेंट्रल, लुधियाना पश्चिम और आत्म नगर पर दबदबा है.
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