डीएनए हिंदी: पंजाब में विधानसभा चुनाव (Punjab Election 2022) के लिए होने वाले मतदान से पहले राज्य के दलित मतदाताओं को साधने की कोशिशें शुरू हो गई हैं. कांग्रेस इस बार दलितों पर ही सारा राजनीतिक दांव खेल रही है. ऐसे में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) डेरों में जाकर जनसमर्थन मांगने में भी जुटे हुए हैं. चन्नी अच्छे से जानते हैं कि यदि इन डेरों से पार्टी को समर्थन मिल गया तो राज्य में दलितों वोटों के दम पार्टी को सफलता हासिल हो सकती है. 

दलित वोटों पर सेंध

दरअसल, मुख्यमंत्री चन्नी पिछले कुछ दिनों से लगातार मालवा क्षेत्र में डेरों में जाकर मत्था टेक रहे हैं, हाल ही में वो डेरे सच्चखंड बल्लां भी गए हैं. ऐसे में इसे दलितों को लुभाने की रणनीति माना जा रहा है. पंजाब में दलित मतदाताओं की तादाद करीब 32 फीसदी है. ऐसे में यह वोटबैंक सरकार बनने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. दलितों की इसी आबादी को लुभाने के लिए कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाया और उनकी दलित पहचान का प्रचार किया.

कांग्रेस इस मामले में आश्वस्त दिख रही है कि उसे दलितों का वोट बड़ी मात्रा में मिल सकता है क्योंकि उसने राज्य में पहला दलित सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के रूप में बनाया है. राज्य के दो क्षेत्रों में दलितों की ताकत सर्वाधिक है. इसमें मालवा और दोआबा शामिल हैं. मालवा की 69 सीटों पर 31 फीसदी दलित वोटर हैं और पिछली बार कांग्रेस ने यहां 40 सीटें जीती थीं. वहीं दोआबा में कुल 23 सीटों पर 42 फीसदी से ज्यादा दलितों का प्रभाव है. ध्यान देने वाली बात यह है कि पिछली बार कांग्रेस ने यहां 15 सीटें अपने नाम की थी जिसके चलते इस क्षेत्र को पार्टी का गढ़ भी माना जा रहा है.

यह भी पढ़ें- Punjab Election: क्यों दो सीट से चुनाव लड़ रहे हैं सीएम चरणजीत सिंह चन्नी? कहीं यह वजह तो नहीं

डेरों का विशेष महत्व 

मुख्यमंत्री चन्नी मालवा के इलाक़े से आते हैं. इस क्षेत्र में भी डेरों का अच्छा असर दिखता है. पंजाब की डेरों से संबंधित राजनीति की बात करें तो यहां बड़ी संख्या में डेरे हैं और यह माना जाता है कि प्रत्येक दलित व्यक्ति किसी न किसी डेरे से जुड़ा है. बड़े और मुख्य डेरों की संख्या 200 के करीब है. सीएम चन्नी डेरों का समर्थन हासिल कर दलितों के बीच अपनी पार्टी की स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं. 

यह भी पढ़ें- Zee Opinion Poll: मालवा में AAP बन सकती है सबसे बड़ी पार्टी, जानिए Congress को क्यों हो सकता है नुकसान? 

सीएम पद के लिए मजबूत होगी दावेदारी

कांग्रेस ने सोची-समझी रणनीति के तहत दलित कार्ड खेलते हुए चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया है. ऐसे में अब चन्नी अपनी दलित पहचान के दम पर पार्टी को अपनी नेतृत्व क्षमता दिखाने के प्रयास कर रहे हैं. इसे प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) और उनके बीच मुख्यमंत्री पद की लड़ाई से जोड़कर भी देखा जा सकता है.

Url Title
Punjab Election 2022 CM Channi engaged in gathering support of Dera Dalit voters can be decisive
Short Title
डेरों से जुड़े हुए है लगभग 90 प्रतिशत दलित मतदाता
Article Type
Language
Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Punjab Election 2022 CM Channi engaged in gathering support of Dera Dalit voters can be decisive
Date updated
Date published