डीएनए हिंदी: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे 13 मई को आने वाले हैं लेकिन उससे पहले 10 मई को आए एग्जिट पोल (Exit Polls 2023) के नतीजों ने इशारा किया है कि अब वहां सरकार बदलने वाली है. कांग्रेस बहुमत की ओर है, वहीं बीजेपी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन रही है. ZEE NEWS और MATRIZE के एग्जिट पोल इशारा कर रहे हैं कि कांग्रेस को विधानसभा में 103 से 118 सीटें हासिल हो सकती हैं. अगर यह आंकड़ा 118 होता है तो कांग्रेस के पास बहुमत से 5 सीटें ज्यादा होंगी.
बहुमत साबित करने के लिए विधानसभा में सिर्फ 113 सीटें चाहिए. 2018 के विधानसभा चुनाव में 104 सीट जीतने वाली बीजेपी 79-94 सीट पर सिमट रही है. जेडीएस 25 से 33 सीटों पर सिमट रही है. अन्य 2 से 5 सीटें हासिल कर सकते हैं. ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस के कई दिग्गजों की साख भी दांव पर लगी है. कर्नाटक विधानसभा चुनाव 10 मई को होने हैं और सभी 224 सीटों के नतीजे 13 मई को घोषित किए जाएंगे. ऐसे में अब सबकी नजरें VIP सीटों की ओर हैं.
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राज्य में चुनावी जंग दिलचस्प होने वाली है, क्योंकि कई वीआइपी सीटों नेताओं की जान अटकी है. कई वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं ने प्रमुख सीटों पर अपने परिवार के सदस्यों को उम्मीदवार बनाया है. आइए जानते हैं कर्नाटक का सियासी समीकरण-
शिगगांव, जिला- हावेरी
कर्नाटक के वर्तमान मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई हावेरी जिले के शिगगांव विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार हैं. कांग्रेस ने उनके खिलाफ यासिर अहमद खान को उतारा है. दोनों उम्मीदवारों के बीच चुनावी जंग बेहद दिलचस्प हो गई है. अब देखने वाली बात यह होगी कि इस विधानसभा सीट पर कैसे सियासी समीकरण होने वाले हैं.
वरुणा, जिला- मैसूर
यह निर्वाचन क्षेत्र कांग्रेस के दिग्गज नेता सिद्धारमैया का गढ़ है. उन्होंने इस विधानसभा सीट से 2018 के चुनावों में अपने बेटे यतींद्र को उतारा था. अब सिद्धारमैया यहां से ताल ठोक रहे हैं. बीजेपी ने इस सीट से मंत्री वी सोमन्ना को उम्मीदवार बनाया है. पिछले चुनावों में, कांग्रेस उम्मीदवार यतींद्र एस 96,435 मतों से जीते थे, वहीं बीजेपी उम्मीदवार थोट्टप्पा बसवराजू को 37,819 वोट मिले थे.
हुबली-धारवाड़ सेंट्रल, जिला- धारवाड़
भारतीय जनता पार्टी से बगावत कर कांग्रेस में गए पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार कांग्रेस के टिकट पर इस विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. जगदीश शेट्टार 1999 से लेकर 2018 तक अजेय रहे हैं. कांग्रेस का कोई भी उम्मीदवार उन्हें हराने में सफल नहीं हुआ. इन चुनावों में उनकी जीत का अंतर क्रमशः 25,000, 26,000, 17,000 और 21,000 वोट रहा है. जगदीश शेट्टार के खिलाफ बीजेपी ने महेश तेंगिनाकई को उतारा है. जेडीएस से सिद्धलिंगेश्वर गौड़ा महंत भी अपना भाग्य आजमा रहे हैं. त्रिकोणीय मुकाबले में देखने वाली बात यह है कि जीत किसकी होती है.
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चित्तपुर, जिला- कलबुर्गी
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे चित्तपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार हैं. कर्नाटक में कांग्रेस को अच्छी बढ़त मिली है, ऐसे में उनकी जीत भी तय मानी जा रही है. यह सीट आरक्षित वर्ग के लिए है. बीजेपी ने इस विधानसभा सीट से मणिकांत राठौड़ को खड़ा किया है. साल 2018 के चुनाव में प्रियांक खड़गे इस सीट पर अजेय रहे थे. उन्हें कुल 69,700 वोट मिले थे.
यह विधानसभा सीट इसलिए भी चर्चा में आई थी क्योंकि आरोप लगे थे कि बीजेपी उम्मीदवार मणिकांत राठौड़ ने कांग्रेस अध्यक्ष और उनके परिवार की हत्या की साजिश रची है. इस सीट पर अब सबकी नजरें टिकी हैं.
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तीर्थहल्ली, जिला- शिमोगा
कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस ने किममाने रत्नाकर को अपना उम्मीदवार बनाया है. 2018 के चुनाव में इस सीट पर अरागा ज्ञानेंद्र ने 67,527 वोटों से जीत हासिल की थी. इस बार बीजेपी के सियासी समीकरण बिगड़ने नजर आ रहे हैं.
कनकपुरा, जिला- रामनगर
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार की वजह से यह सीट चर्चा में आ गई है. वह सात बार इस सीट से जीत चुके हैं. कांग्रेस ने एक बार फिर उन्हें इस सीट के लिए उम्मीदवार बनाया है. उनकी अपनी जमीन पर मजबूत पकड़ मानी जाती रही है. साल 2018 के चुनावों में, डीके शिवकुमार ने 127,552 वोटों से जीत हासिल की, जबकि उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाले जेडीएस उम्मीदवार नारायण गौड़ा केवल 47,643 वोट हासिल करने में सफल रहे थे.
पुलकेशिनगर, जिला- बेंगलुरु शहरी
साल 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान इस सीट पर जीत का सबसे ज्यादा अंतर से दर्ज की गई थी. कांग्रेस उम्मीदवार अखंड श्रीनिवास मूर्ति को 97,574 वोट मिले, वहीं एसबी प्रसन्ना कुमार को 15,948 वोट मिले. दोनों उम्मीदवारों के बीच करीब 81,626 वोटों का भारी अंतर था.
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कर्नाटक चुनाव: सिद्धारमैया से सीएम बोम्मई तक, VIP सीटों पर कौन कमजोर, कौन मजबूत? समझिए समीकरण