डीएनए हिंदीः पंजाब के विधानसभा चुनाव ( Punjab Election Result 2022) में आम आदमी पार्टी (AAP) की ऐसी आंधी चली कि उसमें पूरा बादल परिवार उड़ गया. शिरोमणि अकाली दल (SAD) का गढ़ कहा जाने वाला मालवा भी चुनाव में पूरी तरह ढह गया. 30 साल में यह पहला मौका है जब पंजाब की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बादल परिवार से एक भी प्रत्याशी जीत हासिल नहीं कर पाया. पंजाब में सबसे अधिक समय तक 5 बार  मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड बनाने वाले प्रकाश सिंह बादल (Parkash singh badal) भी चुनाव हार गए. वहीं शिअद के प्रमुख सुखबीर बादल भी अपनी सीट नहीं बचा पाए. 

बीजेपी से गठबंधन तोड़ना पड़ा भारी?
नए कृषि कानून के विरोध को लेकर अकाली दल एनडीए (NDA) की सरकार से बाहर हो गया. बीजेपी के कई साल पुराने रिश्तों को तोड़ अकाली दन ने बसपा के हाथ मिला लिया. इसे अकाली दल की हार का बड़ा कारण माना जा रहा है. चुनाव प्रचार में प्रमुख चेहरा गठबंधन के सुखबीर बादल रहे. चुनाव में मायवती कहां नजर नहीं आईं. पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए शिअद प्रधान ने राज्यभर में धुआंधार प्रचार किया. प्रकाश सिंह बादल खराब स्वास्थ्य के कारण लंबी से बाहर प्रचार नहीं कर पाए लेकिन पार्टी अध्यक्ष सुखबीर बादल और उनकी पत्नी पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने राज्यभर में प्रचार किया.   

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बादल परिवार ने लंबे समय तक किया राज
1920 में जब पंजाब एक अविभाजित राज्य था, तब सिखों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए, मास्टर तारा सिंह ने शिरोमणि अकाली दल की स्थापना की थी. पार्टी सिख पंथ और धार्मिक सिद्धांतों पर काम करने वाली पार्टी मानी जाती थी. बाद में प्रकाश सिंह बादल अकाली दल में शामिल हुए, लेकिन अंग्रेजों की लड़ाई के कारण पंजाब का बुरा हाल था. 1966 में वर्तमान पंजाब का गठन हुआ तब अकाली दल नए पंजाब में सत्ता में आया. प्रकाश सिंह बादल पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे चुके हैं. 

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कौन-कहां से हारा
पंजाब विधानसभा चुनाव के इतिहास में पहली बार हुआ कि 2022 के विधानसभा चुनाव में बादल परिवार का कोई भी सदस्य चुनाव नहीं जीत पाया. पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल जिंदगी के आखरी पड़ाव में लंबी से चुनाव हार गए, जबकि सुखबीर सिंह बादल जलालाबाद विस क्षेत्र से चुनाव हार चुके हैं. इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री बादल के भतीजे मनप्रीत बादल भी बठिंडा शहर सीट से आप प्रत्याशी गिल से चुनाव हार गए. 

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first time in 30 years no member of badal family won in punjab assembly elections 2022
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30 साल में पहली बार बादल परिवार का कोई सदस्य नहीं पहुंचा विधानसभा
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बादल परिवार को अकाली नेतृत्व से बाहर करना चाहते हैं कई अकाली गुट.
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बादल परिवार को अकाली नेतृत्व से बाहर करना चाहते हैं कई अकाली गुट.

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30 साल में पहली बार बादल परिवार का कोई सदस्य नहीं पहुंचा विधानसभा, Sukhbir से लेकर Parkash singh badal तक... सब हारे