डीएनए हिंदी. पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव (Vidhansabha Chunav) की तारीखों के ऐलान के बाद से सभी सियासी दल मतदाताओं को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं. हर सीट पर सियासी दलों के लिए ज्यादा से ज्यादा वोटर्स को अपने पक्ष में करना क्यों जरूरी है, इसका जवाब कई बार चुनाव परिणाम में देखने को मिलता है. कई बार चुनाव में हार-जीत का अंतर महज कुछ वोटों का होता है और कई बार महज कुछ सीटों पर छोटा सा अंतर सरकार की तस्वीर तक बदल देता है.

साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे दर्शाते हैं कि पंजाब में 5 हजार वोटों का स्विंग हर पांचवीं विधानसभा सीट के नतीजे बदल सकता था वहीं उत्तर प्रदेश में यही अंतर हर 10वीं सीट का परिणाम बदल सकता है. पिछले विधानसभा चुनाव में पंजाब में 117 में से 26 सीटों पर हार जीत का अंतर 5 हजार से कम था जबकि यूपी में ऐसी सीटों की संख्या 47 थी. 

यूपी में भाजपा ने जीती सबसे ज्यादा सीटें
उत्तर प्रदेश में जिन 47 सीटों पर हार-जीत का अंतर 5 हजार वोटों से कम था उनमें सबसे ज्यादा 23 विधानसभा सीटें भाजपा को मिली थीं. सपा को 13 ऐसी सीटें नसीब हुई जबकि वो 17 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही. बसपा ने 5 हजार वोटों के कम अंतर से 8 सीटें जीतीं. कांग्रेस, रालोद और अपना दल ऐसी एक-एक सीट जीतने में सफल रहे.

Yogi Modi

यूपी में 8 सीटों पर एक हजार से कम था मार्जिन
उत्तर प्रदेश में साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में 8 सीटों पर हार जीत का अंतर एक हजार वोटों से कम का था. भाजपा को ऐसी 5 सीटों पर सफलता मिली थी. इन सीटों में डुमरियागंज, मीरापुर, श्रावस्ती, मुहम्मदाबाद-गोहाना और रामपुर मनिहारन शामिल हैं. एक हजार से कम अंतर वाली दो सीटों  माठ और मुबारकपुर पर बसपा को सफलता मिली. एक सीट मोहनलालगंज पर सपा को जीत नसीब हुई.

डुमरियागंज में महज 171 वोट था मार्जिन
पिछले चुनाव में डूमरियागंज में बीजेपी के राघवेंद्र प्रताप सिंह ने बसपा की सैय्यदा खातून को सिर्फ 171 वोटों से हराकर राज्य भर में सबसे कम अंतर अंतर से विधानसभा चुनाव जीता था. मीरापुर में भाजपा के टिकट पर अवतार सिंह भड़ाना ने महज 193 वोटों से जीत दर्ज की. उन्होंने सपा के लियाकत अली को चुनाव हराया. भड़ाना इसबार रालोद के टिकट पर जेवर से चुनाव लड़ रहे हैं.

9 सीटों पर एक से दो हजार के बीच था अंतर
यूपी में हुए पिछले चुनाव में दुद्धी, भदोही, पट्टी, मटेरा, बांसडीह, टांडा, महमूदाबाद, ऊंचाहार और भरथना विधानसभा सीटों पर हार-जीत का फैसला महज हजार से दो हजार मतों के अंतर से हुआ था. राज्य में 10 सीटों- नजीबाबाद, लालगंज, गैंसरी, कांठ, फरेंदा, बदलापुर, कन्नौज, अतरौलिया, सिधौली और प्रतापपुर सीट पर हार-जीत का अंदर महज दो से तीन हजार वोटों का था.

पंजाब में 26 सीटों पर 5 हजार से कम वोटों का अंतर 
पंजाब में 26 सीटों पर 5,000 वोटों के अंतर से फैसला हुआ. इनमें से सर्वाधिक 11 कांग्रेस ने जीतीं, जबकि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) को 7, आम आदमी पार्टी को 6 और भाजपा को 2 ऐसी सीटें नसीब हुईं. तीन सीटों - फाजिल्का और भुचो मंडी (कांग्रेस) और बटाला (शिअद) पर मतों का अंतर एक हजार से भी कम था. नौ सीटों - डेरा बाबा नानक, बुढलाडा, लुधियाना पूर्व, दिर्बा, गढ़शंकर, मोगा, बंगा, डेरा बस्सी और फतेहगढ़ चुरियन पर हार जीत का अंतर महज हजार से दो हजार वोटों के बीच का था.

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UP Election Punjab Election Seats with less than thousand votes marjin
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UP Election: महज कुछ वोट बदल देते हैं चुनाव की तस्वीर, BJP ने जीती कितनी सीटें
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