डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश की सिवालखास विधानसभा सीट का अब तक का इतिहास काफी रोचक रहा है. इस सीट पर 10 फरवरी को मतदान होने जा रहा है. जाट बहुल इस सीट में अब तक कभी भी एक विधायक लगातार 2 बार नहीं जीता है. सामाजिक समीकरणों के हिसाब से भी यह सीट बहुत अहम है. जानें पश्चिमी यूपी की इस सीट के बारे में सब कुछ
बागपत संसदीय क्षेत्र में है सीट
मेरठ जिले की सिवालखास विधानसभा सीट बागपत संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आती है. बीजेपी ने इस सीट से मनेंद्र पाल सिंह को उतारा है. एसपी-आरएलडी गठबंधन के उम्मीदवार गुलाम मोहम्मद हैं और बीएसपी से मुकर्रम अली उर्फ नन्हें खान मैदान में है. कांग्रेस ने यहां से जगदीश शर्मा को टिकट दिया है.
2017 चुनाव में बीजेपी को मिली थी जीत
पिछले विधानसभा चुनाव में यहां से बीजेपी के जितेंद्र सतवई ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने एसपी उम्मीदवार गुलाम मोहम्मद को 11000 से ज्यादा वोटों से हराया था . गुलाम मोहम्मद ने 2012 विधानसभा चुनावों में यहां से जीत दर्ज की थी. इस बार बीजेपी ने सतवई की जगह पर मैदान में मनेंद्र पाल सिंह को उतारा है. अब तक इस विधानसभा से कभी भी एक विधायक दोबारा नहीं जीता है. देखना है कि मनेंद्र पाल सिंह बीजेपी के लिए इतिहास बना पाते हैं या चूकते हैं?
पिछले चुनाव में ऐसा था परिणाम
पार्टी | प्रत्याशी | वोट | वोट शेयर |
बीजेपी | जितेंद्र सितवई | 72842 | 32.32% |
सपा | गुलाम मोहम्मद | 61421 | 27.25% |
आरएलडी | यशवीर सिंह | 44710 |
19.84% |
बीएसपी | नदीम अहमद | 42524 | 18.87% |
जाट बाहुल्य सीट है
इस विधानसभा की आबादी मिली-जुली है लेकिन निर्णायक भूमिका मुख्य रूप से 4 जातियों की मानी जाती है. यह जाट बाहुल्य क्षेत्र है लेकिन चुनाव परिणाम प्रभावित करने में गुर्जर, त्यागी के साथ ब्राह्मण और ठाकुर वोट भी मायने रखते हैं. इस इलाके में मुस्लिम मतदाताओं की भी अच्छी संख्या है. यही वजह है कि एसपी-आरएलडी गठबंधन और बीएसपी दोनों ने ही मुसलमान उम्मीदवार उतारे हैं.
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