डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले आज चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया है. अब यूपी में 10 फरवरी सुबह 7 बजे से 7 मार्च शाम 6:30 तक किसी भी तरह के एग्जिट पोल नहीं दिखाए जा सकते हैं. एग्जिट पोल पर रोक लगाने की मांग समाजवादी पार्टी ने की थी. 10 फरवरी को पहले चरण में पश्चिम यूपी के 11 जिलों की 58 सीटों पर वोटिंग होनी है.
एग्जिट पोल कराने, प्रकाशन पर रोक
निर्वाचन आयोग ने एक पत्र जारी किया है, जिसमें यूपी 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान इलेक्ट्रॉनिक या प्रिंट मीडिया के किसी तरह के एग्जिट पोल के दिखाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. चुनाव आयोग ने यूपी में 10 फरवरी सुबह 7 बजे से 7 मार्च शाम 6:30 तक एग्जिट पोल (Exit Polls) कराने, प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में इसके नतीजों के प्रकाशन या प्रचार पर रोक लगा दी है. इसका उल्लंघन करने वाले को दो साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा.
समाजवादी पार्टी ने की थी मांग
समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग से एग्जिट पोल पर बैन लगाने की मांग की थी. पार्टी ने पत्र में लिखा था कि चुनाव के पहले और चुनाव के दौरान एग्जिट पोल दिखाने या इनके प्रकाशन से निष्पक्षता प्रभावित होती है. अब आयोग ने भी पहले फेज की वोटिंग से लेकर आखिरी फेज की वोटिंग तक एग्जिट पोल के प्रकाशन पर रोक लगा दी है.
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7 चरणों में यूपी में डाले जाएंगे वोट
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का ऐलान चुनाव आयोग ने 8 जनवरी को किया था. 403 सीटों वाली 18वीं विधानसभा के लिए 10 फरवरी से 7 मार्च तक 7 चरणों में वोटिंग होगी. 10 मार्च को चुनाव के नतीजे आएंगे. यूपी में सात चरणों के तहत 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को मतदान होगा.
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