डीएनए हिंदी: अमरोहा विधानसभा सीट का गणित देखें तो यहां बीते 20 सालों से महमूद अली का कब्जा है. वहीं बीते 15 सालों से इस सीट पर समाजवादी पार्टी की ही मुहर लग रही है. सन् 2002 में राष्ट्रीय परिवर्तन दल की तरफ से महमूद अली यहां के विधायक बने थे. इसके बाद सन् 2007 के चुनावों में वह समाजवादी पार्टी से जुड़े और उसके बाद भी जीत दर्ज की. तब से लगातार महमूद अली यहां समाजवादी पार्टी का परचम बुलंद किए हुए हैं. ऐसे में सपा की इतनी मजबूत सीट पर बीजेपी या कांग्रेस में से कौन सेंधमारी कर पाता है यह इन चुनावों में देखना दिलचस्प होगा.
साल 2017 के नतीजे
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में अमरोहा सीट से समाजवादी पार्टी से महबूब अली ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने 15042 वोटों के अंतर से बहुजन समाज पार्टी के नौशाद अली को हराया था. महबूब अली को 74713 वोट मिले थे, जबकि बसपा प्रत्याशी को 59671 वोट मिले थे. वहीं तीसरे नंबर पर भाजपा के डॉक्टर कुंवर सैनी थे, जिन्हें 45420 वोट प्राप्त हुए थे.
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अमरोहा के कुल मतदाताओं की संख्या
अमरोहा में हथकरघा उद्योग, मिट्टी के बर्तन, ढोलक और रुई का कारोबार भी होता है. कांठ विधानसभा से अलग होकर नई सीट बनने के बाद से यहां मुस्लिम आबादी ज्यादा है. अमरोहा विधानसभा में कुल 390043 मतदाता हैं. इनमें 161952 पुरुष मतदाता हैं, जबकि 147079 महिला मतदाता हैं. यहां सबसे ज्यादा आबादी मुस्लिम मतदाताओं की है. यहां करीब 66 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है.
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सीट का इतिहास
अमरोहा विधानसभा सीट पर 1991 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी प्रताप सिंह और 1996 में बीजेपी के उम्मीदवार मंगल सिंह यहां से जीतकर विधायक बने थे. वहीं आखरी बार इस सीट पर साल 1980 में कांग्रेस के खुर्शीद अहमद यहां से विधायक बने थे. देखना दिलचस्प होगा कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर लगातार चुनाव जीतते आ रहे महबूब अली अपनी सीट बचाने में कामयाब होते हैं या फिर कोई दूसरा उनकी सीट हथियाने में कामयाब होता है.
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