डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश में कभी कांग्रेस का गढ़ रही अमेठी से 2019 चुनाव में राहुल गांधी ही हार गए थे. इस चुनाव में भी इस सीट पर सबकी नजरें जमी हैं. पिछले चुनाव में यहां से पटरानी और रानी के बीच मुख्य मुकाबला था. 2017 में यहां से डॉक्टर संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह जीती थीं. इस बार राजघराने के संजय सिंह खुद बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.
संजय सिंह के सामने कांग्रेस-सपा की चुनौती
संजय सिंह कुछ समय पहले ही कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए हैं. सिंह एक वक्त में कांग्रेस परिवार के बेहद करीबी लोगों में शुमार थे. उनकी पहली पत्नी और पूर्व पीएम वीपी सिंह की भतीजी गरिमा सिंह भी बीजेपी में हैं लेकिन इस बार उनका टिकट कट गया है. संजय सिंह के मुकाबले में कांग्रेस ने यहां से आशीष शुक्ला को उतारा है और एसपी ने गायत्री प्रजापति की पत्नी को टिकट दिया है.
पिछले चुनाव में ऐसा रहा था परिणाम:
पार्टी | प्रत्याशी | वोट | वोट% |
गरिमा सिंह | बीजेपी | 64226 | 34.21% |
गायत्री प्रसाद | एसपी | 59161 | 31.52% |
राम जी | बीएसपी | 30175 | 16.07% |
2017 में पटरानी बनाम रानी था मुकाबला
2017 के चुनावों में यहां मुकाबला बेहद दिलचस्प रहा था. जनता के सामने रानी बनाम रानी का विकल्प था. गरिमा सिंह बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रही थीं जबकि अमिता सिंह ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था. चुनाव में जनता की सहानुभूति और वोट दोनों ही बड़ी रानी गरिमा सिंह को ही मिली थी और वह जीत गई थीं.
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इस बार संजय सिंह के हलफनामे पर विवाद
इस बार चुनाव से पहले संजय सिंह के हलफनामे पर विवाद हो रहा है. विवाद किसी और की वजह से नहीं बल्कि उनकी पहली पत्नी गरिमा सिंह की वजह से हैं. उन्होंने सार्वजनिक बयान देकर कहा है कि वह कानूनी तौर पर अब भी संजय सिंह की पत्नी हैं. उन्होंने पत्नी के कॉलम में उनकी जगह पर किसी और का नाम भरा है. नतीजा चाहे जो भी यूपी चुनाव में अमेठी की सीट हमेशा चर्चा में रही है.
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