डीएनए हिंदी: 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही चुनाव आयोग ने राजनीति में अपराधीकरण के खिलाफ कुछ नियम लागू किए हैं जिसका सभी दलों को सख्ती से पालन करना होगा.
चुनाव आयोग का नया नियम
देश के मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने चुनाव की तारीखों के ऐलान के लिए होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक बड़ा बयान दिया है जिसका असर उन दलों पर होगा जो कि चुनाव में अपराधिक छवि वाले लोगों या आरोपों से घिरे व्यक्ति को टिकट देते हैं. सुशील चंद्रा ने कहा, 'राजनीति में बढ़ते आपराधीकरण पर रोक लगाने के लिए हमने अहम कदम उठाए हुए है जिसमें राजनीतिक दलों को उम्मीदवार तय करने के 48 घंटे के भीतर उनके क्रिमिनल रिकॉर्ड को सार्वजनिक करना होगा."
देनी होगी सारी जानकारी
चुनाव आयोग ने क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले प्रत्याशियों की सारी जानकारी सार्वजनिक करने का नियम तय किया है. इसके तहत राजनीतिक दलों को ये बताना होगा कि उन्होंने आरोपों से घिरे किसी व्यक्ति को अपना प्रत्याशी क्यों बनाया है. वहीं राजनीतिक दलों को यह सारी जानकारी टीवी और अखबारों में प्रकाशित करानी होगी. इसके साथ ही पार्टी की अधिकृत वेबसाइट के मुख्य पृष्ट पर दागी छवि वाले उम्मीदवारों की जानकारी भी देनी होगी.
और पढ़ें- UP Election 2022: 15 जनवरी तक चुनावी रैलियों पर रोक, कैसे प्रचार करेंगी चुनावी पार्टियां?
खुद तय करे जनता
राजनीति में आपराधिक छवि वाले प्रत्याशी का बायोडेटा बाहर लाने की मुहिम के पीछे चुनाव आयोग की सोच ये है कि वह जनता के सामने सारा कच्चा-चिट्ठा रखना चाहता है जिससे जनता खुद तय करे कि उन्हें एक क्रिमिनल को वोट करके जिताना है या नहीं. चुनाव आयोग अपनी इस मुहिम को लेकर आशान्वित है कि इससे राजनीति में अहम बदलाव देखने को मिल सकते हैं.
- Log in to post comments