डीएनए हिंदीः पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह अपनी ही पूर्व पार्टी को अब झटके देना शुरु कर दिया है. अपने अपमान का बदला लेने के लिए कैप्टन अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का ऐलान पहले ही कर रखा था. वहीं कैप्टन भाजपा के साथ गठबंधन करने की बात भी कर चुके हैं किन्तु उनकी पार्टी की ताकत को लेकर अभी भी कुछ गंभीर सवाल थे, जिसको लेकर उन्होंने बड़ा खुलासा किया है, जिसका सीधा झटका कांग्रेस को लगेगा. कैप्टन का कहना है कि जल्द ही कांग्रेस के कई विधायक सांसद और मंत्री उनके साथ खड़े दिखाई देंगे.
आचार संहिता का इंतजार
कैप्टन अमरिंदर सिंह गांधी परिवार के पंजाब में सबसे बड़े खतरा बन गए हैं क्योंकि गांधी परिवार के दबाव में ही उन्हें अपमानित होकर सीएम पद छोड़ना पड़ा था. ऐसे में उन्होंने अपनी नई पार्टी के सदस्यता अभियान को लेकर बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने अपने अकेले पड़ने के सवालों के जवाब में कहा, "मैं अलग-थलग नहीं हूं, अब सभी जिलों में मेरा सेट-अप हो गया है. हम सदस्यता अभियान शुरू कर रहे हैं. यह कहना बहुत आसान है कि कांग्रेस से कोई मेरे साथ क्यों नहीं आ रहा है."
कांग्रेस से नेताओं के आने को लेकर कैप्टन ने कहा, "अगर कोई कांग्रेसी मुझसे जुड़ता है, तो वे उन्हें बर्खास्त कर देंगे. जैसे ही कोई विधायक लाइन से बाहर निकलता है, वे उसके फंड में कटौती कर देंगे. इसलिए मैंने उन सभी से कहा है कि अभी चुपचाप बैठो, आचार संहिता लागू होने दो, फिर तुम शामिल हो जाओ. इसलिए हम आचार संहिता का इंतजार कर रहे हैं." स्पष्ट है कि कैप्टन कांग्रेस के कई नेताओं के संपर्क में हैं, जिसके चलते कांग्रेस को भविष्य में बड़ा झटका लग सकता है.
भाजपा के साथ गठबंधन
कांग्रेस से अलग होने के बाद ही कैप्टन ने ऐलान किया था कि वो भाजपा के साथ गठबंधन कर सकते हैं लेकिन उस दौरान ये माना जा रहा था कि वो शायद चुनाव न लड़ें. इसके विपरीत कैप्टन ने स्पष्ट कर दिया है कि वो अपनी परंपरागत सीट पटियाला से ही चुनाव लड़ेंगे. ध्यान देने वाली बात ये है कि इसी सीट से ही पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं कैप्टन के धुर विरोधी नवजोत सिंह सिद्धू भी चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं. ऐसे में यदि दोनों की सीधी जंग होती है, तो कैप्टन की लोकप्रियता के आगे सिद्धू को नुकसान उठाना पड़ सकता है.
कैप्टन का सिद्धू के सामने चुनाव लड़ना कांग्रेस के लिए झटका साबित हो सकता है क्योंकि सिद्धू का सारा ध्यान अपनी ही सीट पर रहेगा, एवं संभावनाएं हैं कि अन्य सीटों के लिए सिद्धू के पास प्रचार करने तक का समय न हो.
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