डीएनए हिंदीः उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Uttar pradesh assembly) का बिगुल बज चुका है. प्रदेश में सात चरणों में चुनाव होना है. पहले चरण के लिए 10 फरवरी को मतदान होगा. पश्चिमी उत्तर प्रदेश चुनाव में एक ऐसी भी सीट है जिसके पास सत्ता की चाबी है. यहां से जिस पार्टी का विधायक चुना जाता है, प्रदेश में सरकार भी उसी की बनती है. मेरठ के हस्तिनापुर सीट का अनूठा इतिहास रहा है.
पहले चरण में हस्तिनापुर सीट पर मतदान होना है. कई दशकों के यह सीट प्रदेश का मुख्यमंत्री किस पार्टी का होगा, यह तय करती रही है. इस सीट पर हर पार्टी अपनी पूरी ताकत लगा देती है. आंकड़ें देखकर आप भी समझ जाएंगे कि हस्तिनापुर जीतना हर पार्टी के लिए कितना अहम होता है.
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आंकड़ों पर गौर करें तो इस सीट पर जब-जब किसी और पार्टी का विधायत जीता, प्रदेश में सत्ता भी बदल गई. करीब दो दशक पर यहां कांग्रेस का विधायक रहा. पिछले तीन बार से यहां लगातार अलग-अलग पार्टी का विधायक रहा. जिस पार्टी का विधायक जीता, उसी की प्रदेश में भी सत्ता रही. मौजूदा समय में हस्तिनापुर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक दिनेश खटीक है. वो प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री हैं.
हस्तिनापुर विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास
हस्तिनापुर में रहे विधायक UP में बने सीएम 2017- दिनेश खटीक भाजपा- योगी आदित्यनाथ, 2012- प्रभुदयाल वाल्मीकि- सपा- अखिलेश यादव, 2007 – योगेश वर्मा- बसपा- मायावती, 2002- प्रभुदयाल वाल्मीकि सपा- मुलयाम सिंह यादव, 1996- अतुल कुमार निर्दलीय, 1994- गोपाल काली- भाजपा, 1989- झग्गर सिंह- जनता दल मुलायम सिंह, 1985- हरशरण सिंह- कांग्रेस- वीर बहादुर सिंह, 1980- झग्गर सिंह- कांग्रेस- एनडी तिवारी, 1977- रेवती शरण मौर्य- जनता पार्टी- रामनरेश यादव, 1974- रेवती शरण मौर्य- कांग्रेस- हेमवती नंदन बहुगुणा, 1969- आशाराम इंदू- भारतीय क्रांति दल, 1967- रामजी लाल सहायक- कांग्रेस- चंद्रभान गुप्ता, 1962- प्रीतम सिंह कांग्रेस.
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UP Elections: हस्तिनापुर के हाथ में है सत्ता की चाबी, सीट से जुड़ा है यह अनोखा इतिहास