डीएनए हिंदी: वाराणसी की रोहनिया विधानसभा सीट पर इस बार दिलचस्प मुकाबला हो सकता है. पिछले चुनाव में यहां से बीजेपी को जीत मिली थी. इस सीट पर आबादी के लिहाज से पटेल और भूमिहार वोटर बड़ी संख्या में हैं. इस सीट पर जीत बीजेपी ही नहीं अपना दल के लिए भी महत्वपूर्ण है. अनुप्रिया पटेल 2012 में यहीं से चुनकर विधायक बनी थीं और फिर 2014 और 2019 में वह सांसद बनी हैं.
सपा के प्रत्याशी का पर्चा खारिज
रोहनिया विधानसभा सीट गठबंधन के खाते में गई थी और यहां से अपना दल (के) उम्मीदवार ने पर्चा भरा था. नामांकन के आखिरी दिन सपा के धर्मेंद्र सिंह ने भी पर्चा भरा लेकिन शुक्रवार को उनका नामांकन रद्द हो गया है. अपना दल (के) जहां सपा गठबंधन के साथ है वहीं अनुप्रिया पटेल और अपना दल बीजेपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी और अपना दल गठबंधन की ओर से डॉक्टर सुनील पटेल को टिकट दिया गया है.
मां बनाम बेटी की दिलचस्प लड़ाई
रोहनिया सीट पर सपा गठबंधन की ओर से अपना दल (के) के उम्मीदवार अभय पटेल हैं. बीजेपी गठबंधन में यह सीट अपना दल (एस) के खाते में गई है. अनुप्रिया पटेल की पार्टी की ओर से यहां डॉक्टर सुनील पटेल को उतारा गया है. इस सीट पर एक तरह से मां और बेटी आमने सामने हैं. अनुप्रिया पटेल की मां अपना दल (के) में हैं और सपा गठबंधन के साथ हैं. अनुप्रिया पटेल वाला अपना दल धड़ा बीजेपी के साथ है. ऐसे में देखना है कि इस चुनाव में यहां से किसको जीत मिलती है.
पीएम मोदी कर सकते हैं प्रचार
माना जा रहा है कि वाराणसी क्षेत्र में यह सीट आने की वजह से यहां से पीएम मोदी भी चुनाव प्रचार कर सकते हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ समेत बीजेपी के कई बड़े नेताओं का यहां प्रचार के लिए आना तय माना जा रहा है. यूपी चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे तब ही पता चलेगा कि इस बार इस सीट पर मां या बेटी में से किसे जीत मिली है.
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