चुनाव से पहले नेताओं का मंदिर, गुरुद्वारे और धार्मिक स्थलों पर जाना आम है. इस चुनाव में सिद्धू तो मानो टेंपल रन ही खेल रहे हैं. कभी वह गुरुद्वारे में मत्था टेकते मिलते हैं तो कभी माता के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचते हैं. सिद्धू वोट पाने और कांग्रेस के लिए प्रचार करने के दौरान अक्सर मंदिर या गुरुद्वारे भी जा रहे हैं.
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सिद्धू ने इसी सप्ताह वैष्णो देवी की यात्रा की थी और इसकी तस्वीरें भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की थीं. आज फिर वह माता के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे हैं. आज रात माता के भवन में ही रुकेंगे और फिर कल रवाना होंगे. सिद्धू इससे पहले भी कई बार वैष्णो देवी जा चुके हैं.
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ऐसा नहीं है कि पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस विधायक नवजोत सिंह सिद्धू चुनाव के दौरान ही वैष्णो देवी आते हैं. वह माता के दरबार में अक्सर ही हाजिरी लगाने पहुंचते हैं. उन्होंने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में भी कहा है कि वह दिन की शुरुआत माता के सामने सिर झुकाकर ही करते हैं.
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सिद्धू इस बार अमृतसर से चुनाव लड़ रहे हैं तो जाहिर है कि गोल्डन टेंपल में मत्था टेकने पहुंचेंगे ही. इस बार पर्चा भरने से पहले और बाद में भी वह गोल्डन टेंपल जाकर मत्था टेक चुके हैं. चन्नी के सीएम बनने के बाद भी वह लाव-लश्कर के साथ गोल्डन टेंपल सितंबर में पहुंचे थे. वहां उन्होंने और चन्नी ने सेवा भी की थी.
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एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में सिद्धू ने कहा था कि उनके परिवार का माहौल भारत की एकता की तरह है. उनके घर में माता का जगराता भी होता है गुरुपर्व भी मनाया जाता है. उन्होंने यह भी कहा था कि वह और उनके परिवार के लोग सभी धर्मों का सम्मान करते हैं और मानवता को सबसे ऊपर मानते हैं.
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कांग्रेस ने भले ही सीएम फेस चरणजीत सिंह चन्नी को बनाया है लेकिन सिद्धू का जलवा बरकरार है. कांग्रेस के स्टार प्रचारक हैं और वह अपने चुनाव क्षेत्र के साथ कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवारों के लिए भी प्रचार कर रहे हैं. चुनाव प्रचार में सिद्धू अकाली दल और बीजेपी ही नहीं पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी खूब सुना रहे हैं.