उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में हमेशा ही जाट वोटों को खास माना जाता है. विधानसभा की लगभग एक चौथाई सीट पर जाट वोट खासा असर डालते हैं. यही वजह है कि कृषि कानूनों और एमएसपी जैसे मुद्दों को लेकर जाट वोटरों की नाराजगी को दूर करने के लिए बीजेपी एड़ी-चोटी का जोड़ लगा रही है. इस मिशन में खुद अमित शाह जुट गए हैं. समझें पूरी रणनीति.
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जाट वोटरों का वेस्ट यूपी की राजनीति में खासा दखल रहता है. यूपी में जाट समुदाय की आबादी करीब 6-7 फीसदी मानी जाती है. इस समाज का ज्यादातर हिस्सा वेस्ट यूपी में है. वेस्ट यूपी में जाट समाज की आबादी करीब 17 फीसदी है. वेस्ट यूपी में दलित, मुस्लिम आबादी के बाद तीसरे नंबर पर जाटों की जनसंख्या है. पश्चिमी यूपी की 18 लोकसभा सीटों और 120 विधानसभा सीटों पर हार-जीत तय करने में अमूमन जाट वोट निर्णायक भूमिका निभाते हैं. जाट वोटों को अपने साथ जोड़ने की वजह से ही बीजेपी ने पश्चिमी यूपी में 2014 के लोकसभा चुनाव, 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में जबरदस्त जीत हासिल की थी.
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जाट समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात के दौरान गृहमंत्री अमित शाह का एक वीडियो वायरल हुआ है. वीडियो में दिख रहा है कि शाह कहते हैं कि बीजेपी और जाटों का संबंध बहुत पुराना है. जाटों ने मुगलों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी और हम भी लड़ रहे हैं. बता दें कि पश्चिमी यूपी में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कॉमन है. यहां कुछ सीटें मुस्लिम बहुल हैं तो कुछ जाट बहुट सीटें हैं.
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इससे पहले कैराना में 2017 चुनावों में बीजेपी ने हिंदुओं के पलायन का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था. इस साल भी डोर-टू-डोर चुनाव प्रचार के दौरान अमित शाह ने पलायन के मुद्दो को उठाया है. उन्होंने कहा कि आज कैराना को देखकर खुशी होती है. आज यहां पलायन खत्म हुआ है, लोगों की घर वापसी हुई है. बता दें कि पश्चिमी यूपी में 2013 के दंगों के बाद हिंदुओं का पलायन मुद्दा बहुत जोर-शोर से उठाया गया था.
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उत्तर प्रदेश में सत्ता में वापसी के लिए बीजेपी चुनाव से पहले और नतीजे आने के बाद की सारी तैयारी कर रही है. इस बार आरएलडी और समाजवादी पार्टी गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में अखिलेश यादव पर हमलावर रहने वाली बीजेपी ने जयंत चौधरी पर खासा नरम रूख दिखाया है. पूर्व बीजेपी अध्यक्ष ने जाट समाज में जयंत चौधरी की बढ़ती लोकप्रियता को देखकर शायद पूरी तैयारी कर ली है. पश्चिमी यूपी में चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने चौधरी की तारीफ करते हुए कहा कि वह गलत गठबंधन में हैं लेकिन सही व्यक्ति हैं.
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जाट वोटरों की नाराजगी दूर करने के लिए बीजेपी के तरकश में कई तीर भी हैं. जिन 3 कृषि कानूनों को लेकर विरोध हो रहा है, सरकार उन्हें वापस ले चुकी है. इसके अलावा, पश्चिमी यूपी में मजबूत शासन व्यवस्था, राम मंदिर, काशी-विश्वनाथ कॉरिडोर, जेवर एयरपोर्ट, यूपी में हाईवे जैसे मुद्दों को चुनाव प्रचार में जोर-शोर से उठा रही है.