उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) में एक बार फिर जिन्ना (Muhammad Ali Jinnah) और पाकिस्तान (Pakistan) पर सियासत तेज हो गई है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) जिन्ना को लेकर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को घेर रही है. चुनावी शोर में रोजगार, अर्थव्यवस्था और विकास जैसे मुद्दे दब गए हैं और जिन्ना-पाकिस्तान जैसे मुद्दों पर सत्तारूढ़ दल और प्रमुख विपक्षी दल के बीच लड़ाई शुरू हो गई है. आखिर कैसे हुई इसकी शुरुआत, आइए जानते हैं.
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भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेताओं ने अपने चुनाव प्रचार अभियानों में अखिलेश यादव को जमकर घेरा है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) से लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) तक अखिलेश यादव को जिन्ना का उपासक बता रहे हैं. अखिलेश पर पाकिस्तान के समर्थक होने का आरोप भी बीजेपी लगा रही है. चुनावी हमलों से घिरे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव योगी सरकार को किसान और रोजगार के मुद्दे पर घेरने की कोशिश कर रहे हैं.
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जिन्ना का जिक्र भी सबसे पहले अखिलेश यादव ने किया था. 31 अक्टूबर को हरदोई में एक जनसभा के दौरान अखिलेश यादव ने जिन्ना की तुलना सरदार वल्लभ भाई पटेल, महात्मा गांधी और नेहरू से कर दी थी. अखिलेश अपने इस बयान पर ऐसे घिरे हैं कि तीन महीने बाद भी यह बयान भारी पड़ रहा है. बीजेपी नेताओं ने साफ तौर पर कहा है कि अखिलेश यादव जिन्ना के उपासक हैं और बीजेपी सरदार पटेल की.
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार एक ट्वीट किया. ट्वीट में उन्हें अखिलेश यादव का नाम तो नहीं लिया लेकिन लिखा 'वे 'जिन्ना' के उपासक हैं, हम 'सरदार पटेल' के पुजारी हैं. उनको पाकिस्तान प्यारा है, हम मां भारती पर जान न्योछावर करते हैं. सीएम योगी का इशारा अखिलेश यादव के पाकिस्तान संबंधी बयान और उस टिप्पणी की ओर था जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के पहले गवर्नर जनरल मोहम्मद अली जिन्ना की सराहना करते हुए कहा था कि उन्होंने आजादी की लड़ाई में योगदान दिया था.
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बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा (JP Nadda) ने शुक्रवार को समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की जिन्ना वाली टिप्पणी पर खूब चुटकी ली. जेपी नड्डा ने कहा कि ऐसा क्यों है कि अखिलेश यादव को आज भारत के विभाजन के लिए जिम्मेदार व्यक्ति की याद आती है, आखिर क्यों उन्हें सरदार वल्लभभाई पटेल की याद नहीं आती हैं, जिन्होंने देश को एकजुट किया.
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अखिलेश यादव ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि भारत का असल दुश्मन चीन है, पाकिस्तान तो राजनीतिक दुश्मन है और भाजपा वोट बैंक की राजनीति के लिए सिर्फ पाकिस्तान पर ही निशाना साधती है. हरदोई में एक सभा में आजादी की लड़ाई में सरदार वल्लभ भाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गांधी के योगदान की चर्चा करते हुए जिन्ना की भी सराहना की थी. बीजेपी अखिलेश यादव को हर बार तुष्टीकरण पर घेरती है. अखिलेश यादव ने जिन्ना वाले बयान पर खुद अपनी सियासी मुश्किलें बढ़ा ली हैं.