UP Vidhan Sabha Chunav 2022 इस बार प्रधानमंत्री मोदी, बीजेपी और सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न है. दिल्ली की राजनीति तक पहुंचने के लिए उत्तर प्रदेश सबसे प्रमुख पड़ाव है. इस बार के चुनाव बीजेपी के लिए कड़ी परीक्षा हैं क्योंकि किसान आंदोलनों की वजह से पश्चिमी यूपी में वोट न बंटे, यह एक चुनौती बनी है. बीजेपी की चुनावी रणनीति हमेशा काफी मजबूत मानी जाती है और 2022 चुनाव के लिए भी बीजेपी ने खास तैयारी कर ली है. चुनाव प्रचार में अभी से खास तौर पर इन 5 मुद्दों को बार-बार उठाया जा रहा है.
Slide Photos
Image
Caption
योगी आदित्यनाथ अपनी हिंदुत्ववादी छवि को कभी छुपाने की कोशिश नहीं करते बल्कि वह खुलकर इसका हवाला देते हैं. चुनाव प्रचार के दौरान भी राम मंदिर निर्माण और हिंदुत्व अस्मिता, सम्मान के नाम पर विजय की हुंकार होनी ही है. चुनाव प्रचार में यह साफ नजर भी आ रहा है. बीजेपी की कोशिश है कि इन मुद्दों से ज्यादा से ज्यादा जनता को खुद से जोड़कर रखा जाए क्योंकि राम मंदिर ऐसा मुद्दा है जिससे प्रदेश ही नहीं पूरे देश में बड़ी आबादी भावनात्मक तौर पर जुड़ी है.
Image
Caption
बीजेपी के पास उत्तर प्रदेश में एक बड़ी बात पक्ष में जाती है कि पीएम मोदी के चेहरे के साथ प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ की छवि का भी भरपूर इस्तेमाल होगा. दोनों ही नेताओं की लोकप्रियता की दो वजहें खास हैं. एक दोनों की ईमानदार छवि और दूसरी सख्त प्रशासक के तौर पर काम करना. यूपी में प्रदर्शनों और आंदोलनों को लेकर योगी हमेशा सख्त रहे और उन्होंने 5 साल में खास तौर पर ध्यान दिया कि ऐसे प्रदर्शनों की वजह से आम जनजीवन किसी तरह से प्रभावित न हो. सीएए-एनआरसी विरोध के वक्त उन्होंने काफी सख्त रवैया रखा था.
Image
Caption
केंद्र और प्रदेश दोनों में बीजेपी की सरकार होने की वजह से चुनाव प्रचार में इस मुद्दे को बार-बार उठाया जा रहा है. जनता तक यह संदेश देने की कोशिश है कि एक सरकार होने से प्रदेश के विकास की रफ्तार सुपरफास्ट रही है. इसके लिए कई तर्क भी हैं. जैसे कि यूपी में 8 नए एयरपोर्ट, हाईवे निर्माण, जेवर और कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, कानपुर मेट्रो और ऐसे ही कई और विकास के प्रोजेक्ट. कृषकों के लिए कर्ज माफी, सस्ता ऋण, कृषि सम्मान योजनाओं की सफलता को जोर-शोर से उठाया जा रहा है.
Image
Caption
योगी सरकार के 5 साल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार और दंगे लगभग न के बराबर हुए. बीजेपी इस चुनाव प्रचार में बार-बार इस मुद्दे को उठा रही है. किसान आंदोलन की वजह से जो नाराजगी हुई है उसे भी दूर करने के लिए बीजेपी की कोशिश युद्ध स्तर पर चल रही है.
Image
Caption
अखिलेश यादव और प्रियंका गांधी दोनों उत्तर प्रदेश में अपराध, महिलाओं के साथ अपराध, कोरोना महामारी, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर लगातार घेर रहे हैं. दूसरी ओर बीजेपी के पास भी विपक्ष को घेरने के लिए कई मुद्दे हैं. अखिलेश और प्रियंका पर वंशवाद, अखिलेश पर भाई-भतीजावाद से लेकर भ्रष्टाचार, पूर्ववर्ती सरकार में हुए दंगे जैसे ढेरों मुद्दे हैं, जिन पर विपक्ष पर जोरदार हमला बोला जा रहा है.