पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार के कैबिनेट सदस्यों ने आज शपथ ली है. पंजाब के नागरिकों ने कांग्रेस और अकालियों दोनों को सत्ता से बाहर कर बदलाव की उनकी मंशा तो दिखा दी थी. ऐसे में देखना है कि आम आदमी पार्टी और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब के नागरिकों से जिस बदलाव का वादा किया है वो उसे कैसे निभाते हैं. हालांकि, इसके लिए उनके पास 5 साल मौजूद हैं. क्या यह बदलाव नई कैबिनेट में दिखाई दे रहा है? आइए एक नजर डालते हैं कि भगवंत मान कैबिनेट अपने चरणजीत सिंह चन्नी कैबिनेट से कितनी अलग है ?
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नए मुख्यमंत्री भगवंत मान 48 साल के हैं और इसी वजह से वो अपने मंत्रीमंडल से करीब एक साल बड़े है. भगवंत मान की कैबिनेट की औसत आयु 46.9 साल है. कैबिनेट में युवाओं और अनुभव का सही मिश्रण है. कैबिनेट के सबसे वरिष्ठ सदस्य अजनाला से चुने गए विधायक कुलदीप सिंह धालीवाल है इनकी उम्र 60 साल है. सबसे कम उम्र वालो में हरजोत सिंह बैंस (31 वर्ष) और गुरमीत सिंह मीत हेयर (32 वर्ष) शामिल हैं ये दोनो क्रमशः रूपनगर और बरनाला सीट से विधायक हैं. वहीं चरणजीत सिंह चन्नी 58 साल के हैं और मगर वो अपने मंत्रिमंडल से सिर्फ दो ही साल छोटे थे. पंजाब के पिछली सरकार के मंत्रिमंडल की औसत आयु 60 वर्ष से थोड़ी ज्यादा ही थी. चन्नी कैबिनेट के सबसे सीनियर सदस्य फतेहगढ़ चुरियन से इस बार फिर चुने गए विधायक, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा है. उनकी उम्र 78 साल है. सबसे छोटे कैबिनेट साथी अमरिंदर सिंह राजा वारिंग की उम्र 44 साल है.
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हाल ही में बनी पंजाब सरकार के कुल 11 सदस्यों की औसत संपत्ति 2.87 करोड़ रुपये है. इनमें भोआ सीट से विधायक लाल चंद कटारुचक सबसे गरीब हैं. उनके पास महज 6.20 लाख रुपये की संपत्ति है. सबसे धनी कैबिनेट सदस्य होशियारपुर के विधायक ब्रम शंकर हैं, जिनके पास 8.6 करोड़ की संपत्ति है. चन्नी सरकार की औसत संपत्ति 23.69 करोड़ रुपये की थी. उनमें से सबसे धनवान 69 साल के तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राणा गुरजीत सिंह थे. वो इस बार भी सीट बचाने में कामयाब रहे. उनकी कुल संपति 169 करोड़ है. पुरानी कैबिनेट में सबसे कम अमीर सदस्य पूर्व ओलंपियन और खेल मंत्री परगट सिंह थे. इनके पास कुल 3.16 करोड़ रुपये की संपत्ति थी.
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एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक इस बार 27 विधायक ऐसे हैं जिन पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. 2017 की तुलना में यह संख्या काफी अधिक (23%) है जब 11 (9%) विधायक के खिलाफ ही ऐसे मामले थे. भगवंत मान कैबिनेट में 6 मंत्रियों के खिलाफ मामूली आपराधिक मामले हैं. अजनाला विधायक कुलदीप धालीवाल के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज है. 21 मई 2019 को दर्ज ये मामला राजसांसी का है. विधायक की गिरफ्तारी पर हाई कोर्ट ने रोक लगा रखी है. इसके अलावा 4 नए मंत्रियों हरजोत बैंस, ब्रह्मशंकर जिम्पा, डॉ. विजय सिंगला और डॉ. बलजीत कौर के खिलाफ कोई केस नहीं है. चन्नी सरकार में कपूरथला विधायक और कैबिनेट सदस्य राणा गुरजीत सिंह के खिलाफ एक गंभीर मामला था. IPC की धारा 295 A के तहत धार्मिक मान्यताओं के अपमान का केस इनके खिलाफ है.
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भगवंत मान कैबिनेट के 63% सदस्य कम से कम स्नातक हैं उनमें से 2 डॉ. विजय सिंगला और डॉ. बलजीत कौर पेशेवर डॉक्टर भी हैं. इस लिहाज से चन्नी सरकार से मामूली रुप से बेहतर है. उनके मंत्रिमंडल के 64 फीसदी सदस्य स्नातक थे. सीएम चन्नी जो खुद अभी भी पीएचडी कर रहे हैं, अपने बाकी कैबिनेट साथियों में से सबसे ज्यादा शिक्षित हैं.