1985 के बाद के बाद पहली बार उत्तर प्रदेश में कोई पार्टी दोबारा सत्ता हासिल करने में कामयाब रही है. ये रिकॉर्ड बनने के बावजूद भी यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सिराथू सीट से अपनी जमीन बचाने में नाकामयाब रहे. यहां पर सपा गठबंधन की पल्लवी पटेल (Pallavi Patel) ने भारी मतों से कब्जा जमा लिया है.
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यूपी राजनीती में दो अपना दल हैं. एक केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल (एस) है जो बीजेपी के समर्थन के साथ चुनावी मैदान में थी और दूसरी उनकी मां कृष्णा पटेल की अगुवाई वाली अपना दल (कमेरावादी), जो समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही थी. पल्लवी पटेल अपना दल (कमेरावादी) की उपाध्यक्ष हैं.
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चुनावी कैंपेन के दौरान पल्लवी के खिलाफ अनुप्रिया पटेल कैंपेन करने पहुंची थीं जिसकी खूब चर्चाएं रही थीं.
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सिराथू सीट, कौशांबी जिले में पड़ती है जिसे बीजेपी का गढ़ माना जा रहा था. वहीं, ये जानते हुए पल्लवी पटेल ने इस सीट पर जमकर कैंपेन किया और सभी को हैरान करते हुए केशव प्रसाद मौर्य को मात देदी. बता दें कि कौशांबी पल्लवी पटेल का ससुराल है.
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बता दें कि सिराथू सीट 2012 के चुनाव से पहले बसपा का गढ़ मानी जाती थी. यहां 1993 से 2007 तक बहुजन समाजवादी पार्टी ने लगातार चार बार जीत दर्ज की थी. इसके बाद केशव प्रसाद मौर्य ने ही सबसे पहली बार 2012 के चुनावों में जीत दर्ज की थी. वहीं, अब ये सीट पल्लवी के नाम हो गई है.
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वोटर्स की गणित की बात करें तो सिराथू में एक लाख से अधिक दलित वोटर हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इनमें 60% से अधिक पासी हैं, जो भाजपा के समर्थक हैं. वहीं, 80 हजार के करीब मुस्लिम-यादव हैं. 25% से अधिक गैर यादव ओबीसी हैं और इनमें पटेल और मौर्य-कुशवाहा दोनों हैं. 25 हजार से अधिक ब्राह्मण है. ये गणित देखते हुए ही बसपा ने यहां से मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान पर उतारा था लेकिन फिर भी पल्लवी ने मैदान मार लिया.
Short Title
कौन हैं Pallavi Patel जिन्होंने BJP के डिप्टी सीएम केशव मौर्य को ही देदी पटखनी?