देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों (5 States Elections 2022) का ऐलान हो चुका है. चुनाव आयोगने आचार संहिता भी लगा दी है. ऐसे में ये चुनाव तो सभी राजनीतिक दलों के लिए महत्वपूर्ण है किन्तु इसमें सबसे बड़ा टेस्ट भाजपा का होगा. इसकी वजह ये है कि पंजाब (Punjab) को छोड़कर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), उत्तराखंड (Uttarakhand), गोवा (Goa) और मणिपुर (Manipur) में भाजपा शासित सरकारें हैं. कुल मिलाकर देश की करीब 25 फीसदी जनता इन चुनावों में अपने मत का इस्तेमाल करने वाली है. ऐसे में तीन मुद्दे भाजपा के लिये सबसे महत्वपूर्ण होने वाले है.
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पांच राज्यों में होने वाले विधासभा चुनावों (5 States Elections 2022) में जो तीन मुद्दे सबसे अहम होने वाले हैं. उनमें कोविड, महंगाई और किसान आंदोलन है. ये तीन मुद्दे ही इन चुनावों में भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनने वाले हैं. यदि भाजपा इन मुद्दों पर जनता की नजर में पास हो गई तो निश्चित ही उसकी राह विधासनभा चुनावों के लिहाज से आसान हो सकती है.
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देश में खुदरा मंहगाई दर में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. इसके अलावा पेट्रोल-डीजल और एलपीजी गैस की बढ़ी हुई कीमतें आम जनता की जेब पर नकारात्मक असर डाल रही हैं. हालांकि केन्द्र सरकार ने एक्साइज ट्यूटी कम करके पेट्रोल-डीजल के दामों में कटौती की थी लेकिन इससे जनता को कितनी राहत मिली है ये बात 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे ही तय करेंगे.
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इससे एक दिन पहले सामने आए आंकड़ों के मुताबिक 2,568 केस सामने आए थे और 20 लोगों की मौत हुई थी. ऐसे में संक्रमण और मौत दोनों के बढ़ते आंकड़े चिंता बढ़ा रहे हैं. इस दौरान दिल्ली-एनसीआर में फिर एक बार कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं.
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5 राज्यों के विधासनभा चुनावों (5 States Elections 2022) में तीसरा और सबसे अहम मुद्दा किसान आंदोलन का हो सकता है. केन्द्र द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के मुद्दे पर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों में विशेष नाराजगी थी. मोदी सरकार ने चुनाव से पहले इन कानूनों को वापस भी ले लिया है. ऐसे में अब ये देखना अहम होगा कि किसान आंदोलन भाजपा पर नकारात्मक प्रभाव डालता है या फिर कानून वापसी से पार्टी ने वो डैमेज कंट्रोल कर लिया है.