डीएनए हिंदी: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के लिए मुख्यमंत्री तय करना चुनावों में बहुमत हासिल करने से भी ज्यादा मुश्किल टास्क बन गया है. शुक्रवार को पूरा दिन पार्टी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों के कारण पैदा हो गई गुटबाजी से जूझती रही. पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह से लेकर चुनाव प्रचार समिति अध्यक्ष सुखविंदर सिंह उर्फ सुक्खू तक 6 उम्मीदवारों ने मुख्यमंत्री बनने के लिए दावा ठोका है. इसके चलते विधायक दल की दोपहर 3 बजे बुलाई गई बैठक भी रात 8 बजे शुरू हो सकी. बैठक में भी किसी एक नाम पर फैसला नहीं बन सका है. इसके चलते अब मुख्यमंत्री तय करने की जिम्मेदारी कांग्रेस हाईकमान पर छोड़ दी गई है. कांग्रेस के हिमाचल प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला ने शुक्रवार देर रात बैठक खत्म होने के बाद बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे शनिवार को हाईकमान के अन्य नेताओं के साथ सलाह के बाद शनिवार को मुख्यमंत्री का नाम घोषित करेंगे.
बैठक में शामिल हुए सभी 40 विधायक
शिमला में विधायक दल की बैठक देर रात शुरू हुई. शुरुआत में बैठक में 39 विधायक ही मौजूद थे, लेकिन बाद में 40वां विधायक भी पहुंच गया. राजीव शुक्ला के मुताबिक, सभी 40 विधायक बैठक में मौजूद रहे और उन्होंने सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री चुनने की जिम्मेदारी पार्टी हाई कमान पर छोड़ दी है. इसके लिए बैठक में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया, जिस पर सभी विधायकों ने समर्थन की मुहर लगाई.
No one name was suggested by any MLA, and all MLAs unanimously passed a resolution to leave the decision of choosing the CM to the party's high command. We will submit our report to the party high command tomorrow: Congress Himachal Pradesh in-charge Rajeev Shukla, at Shimla pic.twitter.com/VhUK79Ks3w
— ANI (@ANI) December 9, 2022
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किसी विधायक ने पेश नहीं किया कोई नाम
बैठक के दौरान बाहर अफवाहें उड़ती रहीं कि 18 विधायकों ने सुक्खू के नाम का प्रस्ताव रखा है, जबकि कई विधायक सांसद प्रतिभा सिंह के पक्ष में खड़े दिखाई दिए हैं. कुछ विधायकों ने मुकेश अग्निहोत्री का नाम भी आगे किया है. हालांकि बैठक के बाद राजीव शुक्ला ने स्पष्ट कर दिया कि किसी भी विधायक ने कोई नाम प्रस्तावित नहीं किया है. उन्होंने कहा कि सभी ने सर्वसम्मति से सीएम चयन की जिम्मेदारी पार्टी हाई कमान को सौंपी है. उन्होंने कहा कि हम (शुक्ला व दोनों ऑब्जर्वर भूपेश बघेल और भूपेंद्र हुड्डा) अपनी रिपोर्ट शनिवार को पार्टी हाई कमान को सौंपेंगे.
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पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं
शुक्ला ने कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में पार्टी के अंदर मुख्यमंत्री पद को लेकर आपस में गुटबाजी होने का दावा किया गया है, लेकिन ये सब रिपोर्ट पूरी तरह गलत हैं. कांग्रेस पार्टी पूरी तरह एकजुट है.
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एकजुटता के दावों के बीच भिड़े दावेदारों के समर्थक
शुक्ला जब पार्टी में एकजुटता होने का दावा कर रहे थे, उससे पहले बैठक के दौरान बाहर प्रतिभा सिंह और सुखविंदर सिंह सुक्खू के समर्थकों के बीच आपस में झड़प हो गई. दोनों पक्षों के बीच मारपीट होने की भी सूचना है. इससे पहले प्रतिभा सिंह के समर्थकों ने पहले राजीव शुक्ला और बाद में बघेल की कार के काफिले का घेराव किया था.
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राज्यपाल को सरकार बनाने का दावा सौंपा, नेता तय नहीं
कांग्रेस भले ही आपसी गुटबाजी के बावजूद विधायक दल के नेता का फैसला नहीं कर पाई है, लेकिन उसने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है. राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का प्रस्ताव राजीव शुक्ला ने अपने विधायकों की सूची के साथ पेश किया. इस दौरान भूपेश बघेल और भूपेंद्र हुड्डा भी उनके साथ रहे.
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Himachal Pradesh में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भी तय नहीं हुआ सीएम, अब हाई कमान करेगा फैसला